बिहार के शहरी इलाकों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र होंगे बंद, समाज कल्याण विभाग ने मांगी यह रिपोर्ट…

पटना: राज्य भर के शहरी इलाकों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र को बंद करने की दिशा में काम शुरू हुआ है. इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने शहरी क्षेत्रों में चल रहे केंद्रों की रिपोर्ट सभी सीडीपीओ से मांगी गयी है, ताकि बंद करने के पहले वहां के बच्चों को पास के केंद्रो में शिफ्ट किया जा सकें.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2020 7:25 AM

पटना: राज्य भर के शहरी इलाकों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र को बंद करने की दिशा में काम शुरू हुआ है. इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने शहरी क्षेत्रों में चल रहे केंद्रों की रिपोर्ट सभी सीडीपीओ से मांगी गयी है, ताकि बंद करने के पहले वहां के बच्चों को पास के केंद्रो में शिफ्ट किया जा सकें.

बाढ़ प्रभावित जिलों में भी हो रहा है सर्वे

बाढ़ प्रभावित जिलों में आँगनबाड़ी केन्द्रों की विस्तृत जानकारी ली जा रही है. जो सेंटर बाढ के दौरान बंद करने की नौबत आ जाती है. वैसे केन्द्रों को भी ऊंचे जगहों पर ले जाया जाये, ताकि बाढ के दौरान भी केंद्र बंद नहीं हो और बच्चों को पोषाहार मिलता रहें.

विभाग को मिली है शिकायत

राज्य भर में एक लाख आठ हजार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है और उसमें से कई सेंटर शहरी इलाके में ऐसे हैं जहां बच्चे कम हैं, लेकिन कागजों पर बच्चे अधिक हैं. कई बार निरीक्षण में यह बात सामने आयी है कि जब अधिकारी केंद्र पर पहुंचते हैं, तो वहां बच्चो को पकड कर लाया जाता है. वहीं शहरी क्षेत्रों में अधिकांश ऐसे केंद्र है,जहां सेविका और सहायिका आराम से समय काटती है और सेंटर भी घर में बना लिया है, ताकि कोई निरीक्षण के लिए आये तो बस अपने रूम से निकलकर बाहर बैठ जाये.

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रिपोर्ट में यह मांगा गया

– केंद्र में कितने बच्चे हैं

– आस पास में कितने केंद्र है और स्लम बस्तियों की संख्या कितनी है

– केंद्र कितने दिन खुलता है, बच्चों को खाना कैसे दिया जाता है

– केंद्र के आसपास गंदगी है या सफाई है.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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