बिहार में बाहरी राज्यों की महिला नहीं बन सकती आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, जानें क्यों रद्द होगा आवेदन
बिहार से बाहर के राज्यों की निवासी महिलाएं बिहार में शादी करने के बाद मायके में बनवाये गये जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका व सहायिका नहीं बन पायेगी. जानिये क्यों रद्द हो जाएगा आवेदन
दूसरे राज्य से ब्याह कर बिहार आयी बहू अपने मायके में बनवाये गये जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविका व सहायिका नहीं बन पायेगी. दूसरे राज्यों के जाति प्रमाणपत्र सेविका या सहायिका की नियुक्ति के आवेदन में संलग्न किये गये, तो आवेदन रद्द कर दिया जायेगा. जाति प्रमाणपत्र देना ही है, तो बिहार में बना होना चाहिए.
जाति प्रमाणपत्र से संबंधित पत्र भेजा…
आइसीडीएस के निदेशक ने मुजफ्फरपुर के डीपीओ के मांगे गये मार्गदर्शन पर जाति प्रमाणपत्र से संबंधित पत्र भेजा है, जिसे भागलपुर के डीपीओ को भी भेजा गया है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है. बिहार पदों एवं सेवाओं में आरक्षण अधिनियम, 15, 2003 में स्पष्ट प्रावधान है कि राज्य के बाहर के अभ्यर्थी इस अधिनियम के अधीन आरक्षण का लाभ के लिए दावा नहीं करेंगे.
राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों के लिए…
राज्य के बाहर के अभ्यर्थी का उनके मूल राज्य से निर्गत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बिहार राज्य में आरक्षण का लाभ प्राप्त करना वैध नहीं माना जा सकता है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य के बाहर के अभ्यर्थी यदि किसी आरक्षित श्रेणी में सूचीबद्ध हो और उनकी जाति बिहार राज्य में भी उसी आरक्षित श्रेणी में सूचीबद्ध हो, तब भी बिहार राज्य में उन्हें आरक्षित वर्ग के अंतर्गत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है.
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किराये के भवनों में चल रहे केंद्रों की जमीन की रिपोर्ट दें
आइसीडीएस के निदेशक ने किराये के भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जमीन उपलब्धता की रिपोर्ट तलब की है. निदेशक ने कहा है कि इसकी रिपोर्ट पूर्व में भी मांगी गयी थी, लेकिन जिले से रिपोर्ट नहीं भेजी गयी. किराये में चल रहे केंद्रों में 33 प्रतिशत केंद्रों के लिए भूमि की उपलब्धता रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan