बिहार के अररिया जिला में अदालत में एकबार फिर ऐतिहासिक फैसला दिया है. नाबालिग से दुष्कर्म मामले में बहस,गवाही और एक ही दिन के अंदर सजा का भी ऐलान कर दिया गया.पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज लगातार दो ऐसे मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुनाकर अदालत ने समूचे देश में एक नजीर पेश की है. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश शशि कांत राय की अदालत में ये सुनवाई हुई है.
अररिया के नरपतगंज थाना में जुलाई, 2021 को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में अररिया के पास्को के विशेष न्यायाधीश शशिकांत राय ने पिछले महीने नवंबर में निर्धारित तिथि को सुनवाई करते हुए 10 गवाहों की गवाही सुनी और उसी दिन आरोपी दिलीप यादव को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. ऐसे ही एक और मामले में अब फिर एक ही दिन के अंदर बहस, गवाही और सजा सुनाई गई है.
दुष्कर्म की घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज होने के मात्र 85 दिन में ही न्याय की पूरी प्रक्रिया संपन्न करते हुए एडीजे छह सह पॉक्सो एक्ट के स्पेशल जज शशिकांत राय ने दोबारा इतिहास रचते हुए कम से कम समय में मामले का निष्पादन किया है. व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे छह सह पॉक्सो एक्ट के स्पेशल जज शशिकांत राय की अदालत ने बुधवार को आठ वर्षीया नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला प्रमाणित होने पर कुआड़ी वार्ड संख्या पांच के रहने वालेराज कुमार यादव पिता स्व राधेश्याम यादव को अंतिम सांस तक के लिए उम्रकैद की सजा के अलावा हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. इसके अलावा डीएलएसए के माध्यम से विक्टिम कंपेंसेशन फंडके तहत 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश पारित किया है. यह आदेश स्पेशल पॉक्सो कैद की सजा के अलावा मुकदमा संख्या- 36/2021 में सुनाया गया है.
घटना के संबंध में पॉक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्याम लाल यादव ने बताया कि कुआड़ी वार्ड संख्या पांच में 22 सितंबर को करीब छह बजे शाम में आरोपित ने बच्ची को अकेले पाकर चॉकलेट के बहाने से बाहर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था. दुष्कर्म के बाद बच्ची की हालत खराब होने पर आरोपित उसे सड़क किनारे छोड़ कर भाग गया. ग्रामीणों की मदद से उसका इलाज अस्पताल में कराया गया. बच्ची ने पुलिस के समक्ष बयान दिया कि गांव के राज कुमार यादव ने उसके साथ दुष्कर्म किया है. इधर, महिला थाने में आरोपित को नामजद अभियुक्त बनाते हुए पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ.
अनुसंधानकर्ता के रूप में अनिमा कुमारी ने न केवल आरोपित राज कुमार यादव की गिरफ्तारी की, बल्कि तेजी से अनुसंधानकर्ता करते हुए महज दो माह के भीतर ही चार्जशीट 22 नवंबर को ही न्यायलय में जमा कर दिया. वहीं अभियुक्त की ओर से प्राइवेट वकील नहीं होने के कारण न्यायालय की ओर से बचाव पक्ष के अधिवक्ता के रूप में कुमारी वीणा की प्रतिनियुक्त की गयी, 14 दिसंबर को ही आरोप गठन के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों की गवाही करायी गयी, इसमें पीड़िता, पीड़िता के माता-पिता सहित सभी डॉक्टर, एएनएम व अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी आदि शामिल है.
Posted By: Thakur Shaktilochan