अररिया से परसरमा NH-327E बनेगा फोरलेन ग्रीनफील्ड हाइवे, छह जिले के लोगों को आवागमन में होगी सुविधा
अररिया- जदिया- सुपौल- परसरमा एनएच-327 ई अभी राष्ट्रीय उच्च पथ के टू लेन मानक पर बना हुआ है. भविष्य में इस पर यातायात का भारी दबाव बढ़ने की संभावना को देखते हुए इस फोरलेन ग्रीनफील्ड हाइवे में बदला जा रहा है.
बिहार में अररिया- जदिया- सुपौल- परसरमा एनएच-327 ई ग्रीनफील्ड हाइवे को करीब 105 किमी लंबाई में फोरलेन बनाया जाएगा. इसके लिए अब जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा. इस मुख्य सड़क से सुपौल और त्रिवेणीगंज को भी कनेक्टिविटी दी जायेगी. मुख्य सड़क की चौड़ीकरण के लिए एनएचएआइ (National Highway Authority of India) ने राज्य सरकार से जमीन अधिग्रहण के लिए मदद मांगी है.
बंगाल आने-जाने में लगभग 80 किमी की होगी बचत
अररिया-परसरमा सड़क के फोरलेन हो जाने से राज्य के छह जिले सुपौल, मधेपुरा, अररिया, मधुबनी, दरभंगा और सहरसा जिला के लोगों को बंगाल और नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में आने-जाने में लगभग 80 किमी की बचत होगी. जिससे इन जिलों के लोगों के समय की भी काफी बचत होगी.
मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने नितिन गडकरी को भेजा था प्रस्ताव
इससे पहले अररिया- परसरमा सड़क की चौड़ीकरण के लिए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पत्र लिखकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को प्रस्ताव भेजा था. उनके पत्र पर पिछले साल ही सड़क को फोरलेन करने की मंजूरी मंत्रालय से मिल गई थी. साथ ही डीपीआर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी. अब इस सड़क का अलाइनमेंट तय हो गया है. इस मुख्य सड़क से सुपौल की कनेक्टिविटी के लिए 1.7 किमी की एक सड़क बनाई जायेगी. साथ ही त्रिवेणीगंज की कनेक्टिविटी के लिए 3.45 किमी की एक सड़क बनाई जायेगी.
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ईस्ट- वेस्ट- कॉरिडोर का विकल्प होगी यह सड़क
इस सड़क का महत्व इस बात से भी है कि यह विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों जैसे बांस, मखाना, मक्का, चावल आदि अनाज की ढुलाई तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से ईस्ट- वेस्ट- कॉरिडोर का विकल्प है. यह सड़क अभी राष्ट्रीय उच्च पथ के टू लेन मानक पर बना हुआ है. भविष्य में इस पर यातायात का भारी दबाव बढ़ने की संभावना है.