बिहार में शिविर लगाकर पंचायत प्रतिनिधियों को मिलेगा शस्त्र लाइसेंस, जानें सरकार ने क्यों समझा जरुरी…
बिहार में मुखिया व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों को अब लाइसेंसी हथियार दिया जाएगा. प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दिया है. कैंप लगा कर आर्म्स लाइसेंस दिए जाएंगे.
बिहार में निर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पहल आरंभ कर दिया है. त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की हो रही हत्या को लेकर बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को आग्नेयास्त्र का लाइसेंस निर्गत करने के लिए सभी जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.
शिविर लगाकर लाइसेंस निर्गत कराने का निर्देश
पंचायती राज मंत्री ने निर्देश दिया कि पंचायती राज प्रतिनिधियों को सुरक्षा को लेकर दिये गये आवेदन को शिविर लगाकर लाइसेंस निर्गत किया जाये. सरकार गृह विभाग की अनुमति के बाद सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को विशेष शिविर लगा कर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से प्राप्त आवेदन की विस्तृत समीक्षा करते हुए शस्त्र लाइसेंस संबंधी प्राप्त आवेदनों का निबटारा किया जायेगा. इसको लेकर सभी जिलों के जिला पदाधिकारी को पत्र जारी कर दिया गया है.
मुखिया पर लगातार हो रहे हमले के बाद फैसला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को पंचायत प्रतिनिधियों के सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने बताया कि दो लाख 57 हजार प्रतिनिधियों के सुरक्षा की फिक्र सरकार को है और इस संबंध में लगातार काम किया जा रहा है.
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मुखिया की लगातार हो रही हत्या के कारण फैसला
बताया कि पिछले दिनों राज्य में कुछ मुखिया की हत्या हुई है और इसे देखते हुए सरकार ने अपराधियों को जल्द सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाने का फैसला लिया है. इसके लिए गृह विभाग ने लिखित आदेश सभी जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) और एसएसपी/एसपी को जारी किया था.