संवाददाता, पटना
आर्यभट्ट ज्ञान विवि की एमबीबीएस सप्लीमेंट्री परीक्षा में सॉल्वर बने गिरफ्तार मेडिकल के चार छात्रों से पूछताछ के बाद शनिवार को जक्कनपुर थाने की पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया. इन छात्रों को नोटिस देकर पुलिस ने छोड़ दिया है. इन छात्रों को जांच के दौरान पूछताछ के लिए हाजिर होना पड़ेगा. सूत्रों की मानें, तो सॉल्वर बिठाने के इस खेल में विवि का एक स्टाफ भी शामिल है. पुलिस को भी इसकी जानकारी मिली है और जांच चल रही है. जक्कनपुर थाना के थानेदार ने कहा कि बीएनएस की धारा 319(2) के तहत केस दर्ज किया गया है. बीएनएस में प्रावधान है कि अगर मामले में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है, तो उसे नोटिस देकर छोड़ा जायेगा. मामले की जांच की जा रही है. मालूम हो कि शुक्रवार को आर्यभट्ट ज्ञान विवि में परीक्षा के दौरान विवि प्रशासन ने एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर के थर्ड ईयर के छात्र अफजल आजाद, आइजीआइएमएस में इंटर्नशिप कर रहे अवनीश कुमार, बेतिया मेडिकल काॅलेज के एमबीबीएस फाइनल इयर के छात्र अभिषेक कुमार और बेतिया मेडिकल कॉलेज से इंटर्नशिप कर रहे विशाल कुमार को पकड़ा था. मेडिकल के ये छात्र बेतिया मेडिकल कॉलेज के ब्रजेश कुमार, अरविंद कुमार मेहता, आशीष रंजन और डीएमसीएच के भवेश कुमार भास्कर के बदले परीक्षा दे रहे थे. सॉल्वर बैठाने वाले चारों छात्र फरार, आठ पर केस जक्कनपुर थाने की पुलिस छात्रों को नोटिस भेज पूछताछ के लिए बुलायेगी. अगर ये छात्र हाजिर नहीं होते हैं तो इनके खिलाफ पुलिस गिरफ्तारी वारंट लेगी. मामले में जक्कनपुर थाने में आठ मेडिकल छात्रों पर केस दर्ज किया गया है. वहीं जिन चार छात्रों ने सॉल्वर बिठाया था, वे फरार चल रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो बेतिया मेडिकल काॅलेज के छात्र आशीष रंजन ने 2014 में डीएमसीएच में एडमिशन लिया था. बाद में उसने बेतिया मेडिकल कॉलेज में 2019 बैच में एडमिशन लिया. फरार चल रहे ब्रजेश और भवेश फाइनल इयर की परीक्षा में फेल हो गये थे. वहीं अरविंद व आशीष रंजन थर्ड इयर की परीक्षा में फेल हो गये थे. इसके बाद इन लोगों ने सप्लीमेंट्री परीक्षा में सॉल्वर बिठाया था. इसके लिए सॉल्वर बने छात्रों ने मोटी रकम ली थी. चार स्कॉलर के पकड़े जाने के बाद उच्च स्तरीय कमेटी हुई गठित कुलपति प्रो शरद कुमार यादव ने बताया कि एमबीबीएस परीक्षा में चार छात्रों को दूसरे छात्र की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया है. इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है. इसमें जो भी तत्व शामिल होंगे, उनपर विवि प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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