Gallantry Award: स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री ने देश भर के पुलिसकर्मियों और सुरक्षाबलों को दिए जाने वाले मेडल की घोषणा कर दी है. इस बार बिहार के 23 पुलिस अफसरों और जवानों को सम्मानित किया जाएगा. जिसमें सब इंस्पेक्टर आशीष कुमार सिंह का नाम भी शामिल हैं. उन्हें मरणोपरांत गैलेंट्री आवार्ड दिया जा रहा है. आशीष खगड़िया के दियारा क्षेत्र में डकैतों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुये थे.
देर रात आशीष ने की थी रेड
खगड़िया जिला के जिस दियारा में दिन में भी पुलिस को जाने में पसीना छूटती थी, उस दियारा में देर रात सब इंस्पेक्टर आशीष कुमार सिंह ने रेड किया था. 12 अक्टूबर 2018 को नवगछिया पुलिस जिला अंतर्गत नारायणपुर दुधेला दियारा के मोजमा बहियार में पुलिस और डकैतों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस घटना में खगड़िया जिले के पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह शहीद हो गए थे.
पुलिस और अपराधियों में हुई थी मुठभेड़
दरअसल, देर रात पुलिस को सूचना मिली थी कि कुख्यात अपराधी दिनेश मुनि अपने गैंग के कुछ साथियों के साथ दियारा इलाके में छुपा हुआ है. जिसके बाद पसराहा के थाना प्रभारी आशीष कुमार सिंह अपनी टीम के साथ मौके के लिए रवाना हो गए थे. अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी. दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चलीं थी. जिसमें कई अपराधी भी मारे गये थे. लेकिन पुलिस को अपना एक जांबाज सब इंस्पेक्टर खोना पड़ा था.
दुर्गा पूजा के लिए जाने वाले थे घर, लेकिन उससे पहले हो गए शहीद
बिहार पुलिस एसोसिएशन के मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि उनके लिये एसोसिएशन ने अशोक चक्र की मांग की थी. वहीं, शहीद के साले अमर सिंह ने कहा कि आशीष की शहादत के बाद बिहार पुलिस ने शहीद की पत्नी को पूरा वेतन का लाभ देने का निर्णय लिया था, जिसका लाभ आज मेरी बहन को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि शहीद आशीष कुमार सिंह दुर्गा पूजा के लिए घर जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन तब तक उन्हें अपराधी के बारे में जानकारी मिल गई और वे दियारा की ओर बढ़ गए और शहीद हो गए.
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