अश्वमेघ देवी बनी बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, भोला यादव को मिली संस्कृत शिक्षा बोर्ड की कमान
समस्तीपुर को दूसरी बार राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद मिला है. इससे पहले पूर्व विधायक मंजू प्रकाश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं. जबकि सदस्य के रूप में नीलम सहनी एवं मंजू कुमारी पहले रही हैं. अश्वमेध देवी समता पार्टी के समय से ही पार्टी से जुड़ी हुई हैं.
पटना. बिहार सरकार ने आज कई राज्य आयोगों का पुनर्गठन किया है. पूर्व सांसद अश्वमेध देवी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनायी गयी हैं, जबकि जहानाबाद की प्रभावती मांझी, सीवान की सुजाता सुम्ब्रई, भागलपुर की रबिया खातुन, गोपालगंज की सुनीता कुशवाहा, पटना के पालीगंज की श्वेता विश्वास सदस्य, पूर्णिया की सुलोचना देवी और सहरसा की प्रो गीता यादव को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है. आयोग में समाज कल्याण विभाग, गृह विभाग और बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम एक-एक पदेन सदस्य मनोनीत किये गये है. समाज कल्याण विभाग की अधिसूचना के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य मनोनयन तिथि से अधिकतम तीन वर्ष या 65 साल की आयु तक पूरी करने, जो पहले होगा. उस वक्त तक पद पर बने रहेंगे.
समस्तीपुर की पूर्व विधायक रह चुकी हैं महिला आयोग की अध्यक्ष
समस्तीपुर को दूसरी बार राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद मिला है. इससे पहले पूर्व विधायक मंजू प्रकाश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं. जबकि सदस्य के रूप में नीलम सहनी एवं मंजू कुमारी पहले रही हैं. अश्वमेध देवी कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुकी हैं. वह समता पार्टी के समय से ही पार्टी से जुड़ी हुई हैं. उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र बनने के बाद पहली बार वह सांसद बनीं. इसके बाद कई लोकसभा एवं विधानसभा का चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गई. पार्टी के प्रति वफादारी एवं उनकी सक्रियता को देखते हुए ही उन्हें यह इनाम मिला है.
अब पार्टी को खोजना होगा नया जिलाध्यक्ष
अश्वमेध देवी के राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनने के बाद अब जदयू को नया जिलाध्यक्ष खोजना होगा. पिछले दो टर्म से अश्वमेध देवी जदयू की जिलाध्यक्ष हैं. ऐसे में पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर भी कयास लगाए जाने लगे हैं.
बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का भी पुर्नगठन
सरकार ने बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का भी पुर्नगठन किया गया है. विभागीय अधिसूचना के मुताबिक पूर्व विधान पार्षद रियाजुल हक उर्फ राजू को अध्यक्ष और किशनगंज के नौशाद आलम को उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं जहानाबाद के मुजफ्फर हुसैन राही, रोहतास के महताब आलम उर्फ काबुल अहमद, पश्चिम चंपारण के इफतेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी, मुजफ्फरपुर के डा इकबाल समी, नवादा की अफरोजा खातुन, सीवान के मुर्तजा अली कैसर और बेगूसराय के मुकेश जैन यानी कुल सात सदस्य भी मनोनीत किये गये है. आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के रुप में मनोनीत पदधारकों की कार्य अवधि 25 जुलाई से अगले तीन वर्षों के लिये होगी.
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मदरसा और संस्कृत शिक्षा बोर्ड का तीन साल के लिए पुर्नगठन
बिहार राज्य मदरसा बोर्ड का तीन साल के लिए पुनर्गठन कर दिया गया है. बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व विधान पार्षद सलीम परवेज बनाये गये हैं. कुल 13 सदस्यीय बोड में पांच पदेन सदस्य और शेष सात सदस्य बनाये गये हैं. इसी तरह बिहार संस्कृत बोर्ड का भी गठन किया गया है. इसका अध्यक्ष राजद के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक भोला यादव को बनाया गया है. दोनों बोर्ड में तीन-तीन विधान मंडल सदस्य मनोनीत किये गये हैं. खास बात यह है कि इन मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष जदयू और संस्कृत बोर्ड का अध्यक्ष पद राजद के खाते में गया है.
महबूब आलम समेत ये बने सदस्य
मदरसा बोर्ड के विशेष सदस्यों में विधान सभा के सदस्य महबूब आलम, सैयद रुकनुद्दीन अहमद, विधान परिषद सदस्य खालिद अनवर, मदरसा शिक्षक हूमायूं अख्तर तारिक, मधुबनी के अब्दुल करीम अंसारी, पूर्वी चंपारण के रियाजुल अंसारी और मुजफ्फरपुर के शब्बीर अहमद शामिल हैं. इसके अलावा पदेन सदस्यों में प्राच्य शिक्षा के प्रभारी शिक्षा निदेशक, निदेशक अरबी एवं फारसी स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान पटना, मदरसा इस्लामिया शमशुल होदा के प्राचार्य , बिहार सुंन्नी और शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शामिल किये गये हैं.
भोला यादव ने संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष
शिक्षा विभाग ने राजद के वरिष्ठ नेता भोला यादव को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है. तीन साल के लिए गठित इस बोर्ड में कुल बारह सदस्य मनोनीत किये गये हैं. इसमें दो पदेन सदस्य और नौ सदस्य मनोनीत सदस्य होंगे. पदेन सदस्यों में संस्कृत शिक्षा के शिक्षा निदेशक और संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि शामिल हैं. नामांकित सदस्यों में विधायक विनय कुमार चौधरी , ललित नारायण मंडल, विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा, राजद नेता और वैशाली के चित्तरंजन गगन, मोकामा के मदन शर्मा, मधुबनी के रामशीष यादव, विश्वविद्यालय के संस्कृत शिक्षक आचार्य सियाराम प्रसाद यादव , मधुबनी के नारायण महतो और पटना की प्रतिमा कुमारी शामिल हैं.