अंबर, पटना: पर्यावरण और जंगलों के संरक्षण के लिए रेंज ऑफिसर की अहम भूमिका होती है. राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं. लेकिन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) के 12 पद पिछले पांच सालों से खाली पड़े हैं. वर्ष 2018 से नियुक्ति नहीं हुई है. सहायक वन संरक्षकों की कमी से वन संरक्षण की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं.
33 साल से रेंज अधिकारियों की नहीं मिला प्रमोशन
गौरतलब है कि विभाग के नौ रेंज ऑफिसर को बीते 33 वर्षों से प्रमोशन नहीं मिला है. यह सभी 1989 से 1994 बैच तक के रेंज ऑफिसर हैं, जो बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त हुए हैं. विभाग में खाली पद रहने के बावजूद पद्दोन्नति नहीं होने से रेंज ऑफिसरों में नाराजगी भी है. कई रेंजर बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गये हैं और कई अगले दो सालों में रिटायर हो जायेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार रेंजरों की पदोन्नति आठ वर्षों में होनी है.
1987 में नियुक्त फॉरेस्टर अब तक रेंजर के पद पर ही
1987 में फॉरेस्टर के पद पर जो नियुक्त हुए, वे अब भी रेंज ऑफिसर के पद पर ही बने हुए हैं. इनमें संजय कुमार, राजेश प्रसाद चौधरी, केके हिमांशु, आलोक चंद्र समेत अन्य शामिल हैं. इन्हें 35 सालों में सिर्फ एक प्रमोशन मिल सका है.
सात वर्षों में फॉरेस्ट गार्ड से बन गए रेंजर
विभागीय जानकारी के अनुसार 2015 के बाद नियुक्त वनकर्मियों की पदोन्नति तेजी से हुई है. करीब 40 लोग फॉरेस्ट गार्ड के रूप में नियुक्त हुए और महज सात सालों में फॉरेस्टर से रेंज ऑफिसर तक बन गये. इनमें कुछ फॉरेस्ट गार्ड संविदा पर नियुक्त हुए थे. वहीं, दूसरी तरफ बीपीएसएसी से नियुक्त हुए रेंज ऑफिसर 33 सालों से पदोन्नति की उम्मीद लगाये बैठे हैं.
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बीपीएससी से नियुक्त इन रेंजर को नहीं मिला प्रमोशन
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अरविंद वर्मा
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मनोज कुमार
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अशोक कुमार सहगल
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चौहान शशि भूषण सिन्हा
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अरविंद कुमार
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अखिलेश्वर प्रसाद
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अभय कुमार सिन्हा
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सरोज कुमार
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मो. अफसर