पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राज्यपाल के पास सरकार बनाने कीदावेदारी पेश करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि वे बिहार को आगे बढ़ाने का काम करते रहेंगे. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का नाम लिये बिना कहा कि जिसको हमने आगे बढ़ाने का काम किया, वह कहीं दूसरे जगह जाकर ट्रेनिंग ले रहे थे. ऐसे में विधायकों की राय थी कि अब भाजपा से अलग हुआ जाये. समाज में विवाद पैदा करने की कोशिश हो रही थी. इसलिए अब हमलोगों ने भाजपा से अलग होने का फैसला लिया.
नीतीश कुमार ने कहा कि यह सिर्फ उनका नहीं बल्कि पूरी पार्टी का फैसला है. नीतीश कुमार ने कहा कि उनके पास 164 विधायकों का समर्थन है. कुल सात पार्टियां मिलकर इस सरकार को चलाने वाली हैं. हर कोई साथ मिलकर जनता की सेवा करने वाले हैं. वहीं प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर जब नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मेटेरियल हैं या नहीं, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन यह एक सच्चाई है कि वह देश के सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने यह बात राजभवन से नीतीश कुमार के समर्थन देकर लौटने के बाद एक सवाल के जवाब में कही. तेजस्वी ने कहा कि बिहार को भाजपा न विशेष पैकेज नहीं दिया. भाजपा का काम सिर्फ क्षेत्रीय दलों को तोड़ना रहा है. भाजपा लोकतंत्र को चुनौतीदे रही है. नीतीश कुमार ने बिहार के हित में भाजपा का साथ छोड़ कर अच्छा निर्णय लिया है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि आज संविधान को बचाना है. भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि उसका एक ही काम है, जो बिकता है, उसको खरीदो. मुख्यमंत्री ने देश के हित में निर्णय लिया. हम मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं. झारखंड और महाराष्ट्र में भाजपा ने क्या कहा, यह सभी को पता है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी ,मैं उसे निभाऊंगा