कक्षा तीन के बच्चों की होगी टैब के माध्यम से हाजिरी
टैबलेट के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति लिये जाने की योजना है.
संवाददाता,पटना
टैबलेट के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति लिये जाने की योजना है. इस संदर्भ में सूचना ये है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी युग की शुरुआत 10 फरवरी से शुरू होने जा रही है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत पटना, नालंदा, वैशाली, जहानाबाद, सारण और भोजपुर जिले के पांच-पांच सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों (तीन मध्य और दो प्राथमिक विद्यालय) से की जा रही है. संबंधित स्कूलों में कक्षा तीन के विद्यार्थियों की टैबलेट के माध्यम से 10 फरवरी से ऑनलाइन उपस्थिति लेने की शुरुआत की जायेगी.इस आशय की जानकारी व जरूरी दिशा निर्देश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ एस सिद्धार्थ ने गुरुवार को जारी किये हैं. उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रतिदिन की यह हाजिरी इ-शिक्षा कोष पर अपलोड की जायेगी. मॉनीटरिंग मुख्यालय से होगी. कक्षा तीन के विद्यार्थियों की हाजिरी के अलावा उनके अर्धवार्षिक और वार्षिक मूल्यांकन के परिणाम, अकादमिक सत्र के पूरे किये गये पाठ्यक्रमों/ पाठों की जानकारी भी टैबलेट पर संधारित की जायेगी. शिक्षा विभाग छह जिलों को पांच-पांच टैबलेट (प्रत्येक प्रखंड में एक) उपलब्ध करायेगा. विद्यालय स्तर पर यह टैबलेट कक्षा तीन के वर्ग शिक्षक की अभिरक्षा में रखे जायेंगे. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्कूल का चयन बिहार शिक्षा परियोजना परिषद करेगी.
एसीएस सिद्धार्थ ने पत्र में जानकारी दी है कि चयनित विद्यालयों के कक्षा तीन के सभी विद्यार्थियों का विवरण इ- शिक्षा कोष में अपलोड कर दिया गया है. इसके आधार पर प्रतिदिन प्रथम घंटी में ऑनलाइन हाजिरी ली जायेगी. कक्षा तीन के वर्ग शिक्षक विद्यार्थियों की उपस्थिति में रोजाना खींचे गये एक क्लास के फोटोग्राफ इ-शिक्षा कोष के पोर्टल पर अपलोड करेंगे. यही वर्ग शिक्षक प्रत्येक माह की समाप्ति के बाद अकादमिक सत्र में विषयवार पूरे किये गये पाठ्यक्रम या पाठों के विवरण अपडेट करेंगे. चयनित विद्यालयों में चेतना सत्र के दौरान टैबलेट के माध्यम से प्रतिदिन चेतना सत्र का आगे से एवं पीछे से लिये गये एक-एक फोटो इ- शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने होंगे. इस पायलट प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के संबंध में आठ फरवरी को संंबंधित लोगों को ऑनलाइन हाजिरी का प्रशिक्षण दिया जायेगा. जानकारों के अनुसार ऑनलाइन हाजिरी का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो सभी जिलों में इसे प्रभावी कर दिया जायेगा. इस तरह पोर्टल के जरिये विभाग की नजर न केवल बच्चों की हाजिरी, बल्कि पठन-पाठन की गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी. शिक्षकों की हाजिरी पहले से एप के दायरे में आ चुकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है