संवाददाता, पटना राज्य के सभी प्रमंडलीय और जिला मुख्यालय में चल रहे ऑटो रिक्शा एवं इ-रिक्शा को जोन में विभाजित करने का निर्णय लिया गया है. परिवहन विभाग ने इस संबंध में 30 दिनों तक आपत्ति व सुझाव मांगा है.विभाग की ओर से तैयार किये गये प्रस्ताव का उदेश्य है कि शहरों में ऑटो रिक्शा का परिचालन ठीक से हो एवं शहर को जाम से मुक्ति मिल सके. इस योजना को लागू कराने के लिए कमेटी गठित की गयी है. प्रमंडल के मुख्यालय वाले जिलों में इस कमेटी की अध्यक्षता प्रमंडलीय आयुक्त करेंगे. विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. हर जोन के लिए अलग कलर कोडिंग विभाग के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में विभिन्न रूटों के बीच ओवर स्पीड, ओवरटेक को कम किया जायेगा. यातायात को बेहतर करने और शहर को जाम से मुक्त करने के लिए ऑटो और इ- रिक्शा को जोन में बांटा जायेगा. प्रत्येक जोन के लिए अलग-अलग कलर कोडिंग की जायेगी . वहीं, जिन सड़कों पर ऑटो का परिचालन कम होगा. उसके अनुसार निबंधन किया जायेगा, ताकि यात्रियों की परेशानी कम हो सके और सभी सड़कों पर ऑटो का व्यवस्थित परिचालन हो सके. शहरी क्षेत्रों में रूटों की टैगिंग करते हुए उनके लिए पार्किंग भी चिह्नित की जायेगी. वहीं, थानों से भी इन गाड़ियों की टैगिंग अनिवार्य होगी. कलर कोड का स्टीकर या पेंट ऑटो पर रहेगा शहरी क्षेत्रों में ऑटो का परिचालन करने के दौरान यह ध्यान रखना होगा कि क्षमता से अधिक यात्री नहीं रहे.वहीं, रिजर्व ऑटो पर अलग कलर और स्टीकर रहेगा.इससे यह पहचान करना आसान होगा कि यह गाड़ी रिजर्व चलेगी. सभी इ-रिक्शा और ऑटो को परिचालन के लिए लाइसेंस लेना होगा. भविष्य में क्यूआर कोड भी विकसित करने के लिए विभाग काम करेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है