पटना.राज्य में सड़कों के चौड़ीकरण का काम तेजी से किया जा रहा है. इस कारण ऑटो और बड़ी गाड़ियों में टक्कर की घटनाएं बढ़ी हैं. इन सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने ऑटो का रूट निर्धारित करने का निर्णय लिया है, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके. लोकसभा चुनाव के बाद परिवहन विभाग सभी जिलों के साथ बैठक करके रूट पर निर्णय लेगा, जिसमें शहर और ग्रामीण इलाकों शामिल रहेंगे. सोमवार को इसको लेकर प्रारंभिक बैठक संपन्न हो गयी है.राजधानी पटना की सभी सड़कों पर ऑटो का परिचालन हो रहा है. विभाग की ओर से थाना क्षेत्र की कोडिंग भी हो गयी है, ताकि परमिट के मुताबिक ऑटो का परिचालन उसी क्षेत्र में किया जाये. बावजूद इसके ऑटो चालक किसी भी रूट से गाड़ी लेकर निकलते हैं और इन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं है. हालात ऐसे है कि हाइवे पर भी तेज रफ्तार में ऑटो का परिचालन हो रहा है, जो यात्रियों से भरा रहता है यानी ओवरलोड, लेकिन ऑटो को जब्त करने में परिवहन और यातायात पुलिस सुस्त है. इस कारण से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इन्हीं शिकायतों के बाद परिवहन विभाग की ओर से रूट तय करने का निर्णय लिया गया है.विभाग ने जिलों को दिशा-निर्देश दिया है कि ऑटो का रूट निर्धारण करने के लिए रिपोर्ट तैयार करें.रिपोर्ट के आधार पर चुनाव के बाद समीक्षा होगी. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से इसकी शुरुआत की जायेगी. पहले चरण में पटना की सभी सड़कों को जोड़ा जायेगा. इसके बाद बाकी शहरों के सड़कों का भी रूट तैयार होगा.
राज्यभर में अब तय होगा ऑटो का रूट
राज्य में सड़कों के चौड़ीकरण का काम तेजी से किया जा रहा है. इस कारण ऑटो और बड़ी गाड़ियों में टक्कर की घटनाएं बढ़ी हैं. इन सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने ऑटो का रूट निर्धारित करने का निर्णय लिया है, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके. लोकसभा चुनाव के बाद परिवहन विभाग सभी जिलों के साथ बैठक करके रूट पर निर्णय लेगा, जिसमें शहर और ग्रामीण इलाकों शामिल रहेंगे.
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