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बिहार में प्रॉपर्टी की ऑटोमैटिक म्यूटेशन प्रक्रिया होगी प्रभावी, डीड के साथ ही तैयार कराना होगा आवेदन

मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री होते ही म्यूटेशन की प्रक्रिया ऑटोमैटिक (स्वत:) शुरू करने की व्यवस्था को और भी प्रभावी बनाया जायेगा. अभी दाखिल- खारिज की रफ्तार धीमी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसमें तेजी लाने की कवायद शुरू कर दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 5, 2021 12:35 PM

अनुज शर्मा,पटना : मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री होते ही म्यूटेशन की प्रक्रिया ऑटोमैटिक (स्वत:) शुरू करने की व्यवस्था को और भी प्रभावी बनाया जायेगा. अभी दाखिल- खारिज की रफ्तार धीमी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसमें तेजी लाने की कवायद शुरू कर दी है.

एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसमें कातिब डीड के दस्तावेज तैयार करते समय ही ऑटोमैटिक म्यूटेशन का आवेदन फाॅर्म भी भरवा लें ताकि प्रत्येक रजिस्ट्री के तुरंत बाद ऑटोमैटिक म्यूटेशन सुनिश्चित किया जा सके. कातिब की जवाबदेही तय करने पर विचार चल रहा है. लापरवाही बरतने पर कातिब का लाइसेंस निरस्त करने के प्रावधान को प्रस्ताव में शामिल करने पर भी विचार चल रहा है.

ऑटोमैटिक म्यूटेशन के लिए खरीदार को एक फॉर्म भर कर देना होता है. यह अभी स्वैच्छिक है. यानी यदि कोई रजिस्ट्री कराते समय आवेदन नहीं करता है, तो उसका ऑटोमैटिक म्यूटेशन नहीं होता है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार और अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने इस मुद्दे पर मंथन किया है.

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विभाग का मानना है कि कातिब जब निबंधन के लिए डीड तैयार करते हैं, उसी समय ऑटोमैटिक म्यूटेशन के लिए आवेदन भी तैयार करा देंगे. इससे जमीन खरीदने वाले उसे रजिस्ट्री के साथ ही निबंधन विभाग में जमा करा देंगे, इससे प्रत्येक रजिस्ट्री का म्यूटेशन हो जायेगा. कातिब निबंधन विभाग के अधीन आते हैं, इसलिए राजस्व विभाग मंत्री की मंजूरी लेकर प्रस्ताव को निबंधन विभाग को भेजने की तैयारी कर रहा है़

राज्य में म्यूटेशन लाखों मामले लंबित हैं इसके लिए रजिस्ट्री कराने वाले भी कम जिम्मेदार नहीं हैं. स्थिति यह है कि रजिस्ट्री के बाद ऑटोमैटिक म्यूटेशन के लिए उतनी संख्या में आवेदन नहीं कर रहे जितनी रजिस्ट्री करा रहे हैं. निबंधन और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के रिकॉर्ड को देखें, तो मात्र 10 से 15 फीसदी लोग ही रजिस्ट्री के समय फॉर्म भरकर दे रहे हैं. बिहार में एक कार्यदिवस में औसतन 4000 रजिस्ट्री हो रही हैं लेकिन म्यूटनेशन की संख्या 500 से 600 के बीच ही रहती है़

हम जागरूकता और जवाबदेही के साथ भूमि विवाद खत्म कर दस्तावेजों को अपडेट रखने की दिशा में काफी काम कर चुके हैं. कोशिश है कि बेहतर को और बेहतर बनाया जाये, इसी मुहिम में निबंधन के समय ही ऑटोमैटिक म्यूटेशन हो इसके लिए कातिब की जवाबदेही तय करने पर विचार कर रहे हैं.

विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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