जीना चाहता है पटना के 10 माह का मासूम अयांश,16 करोड़ के इंजेक्शन का इंतजार, जानें क्या है बीमारी
पटना के मासूम अयांश को 16 करोड़ रुपये के एक इंजेक्शन से नयी जिंदगी मिल सकती है. अयांश स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy Type-1) नाम के बिमारी से जूझ रहे हैं.अपने मासूम की जिंदगी बचाने अयांश (Ayansh Singh) के माता-पिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद की गुहार लगाइ है.
Ayansh Singh Bihar: गंभीर बिमारी से जूझ रहे पटना के मासूम अयांश को 16 करोड़ रुपये के एक इंजेक्शन से नयी जिंदगी मिल सकती है. अयांश स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy Type-1) नाम के बिमारी से जूझ रहे हैं. 10 माह उम्र के अपने मासूम की जिंदगी बचाने की उम्मीद लिये अयांश (Ayansh Singh) के माता-पिता क्राउड फंडिंग की मदद ले रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद की गुहार लगा रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने मासूम के लिए मुहिम चलाया हुआ है. ट्वीटर पर लोगों ने #जीवन_मांगे_अयांश हैशटैग ट्रेंड कराया है.
पटना के रूपसपुर थाना क्षेत्र के रूकनपुरा निवासी आलोक सिंह और नेहा सिंह को जब पुत्र रत्न की प्रात्ति हुइ तो घर के इस चिराग का नाम अयांश सिंह (Ayansh Singh) रखा गया. अयांश, यानी प्रकाश की पहली किरण. लेकिन कुछ ही दिनों बाद अयांश के आने की खुशी चिंता में तब्दील होने लगी जब पता चला कि मासूम अयांश एक ऐसी बिमारी की चपेट में फंस चुका है जो दुर्लभ है. दरअसल, अयांश स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy Type-1) नाम के बिमारी से ग्रसित है.
अयांश किसी गंभी बिमारी की चपेट में है इसका आभास भी उसके मां-पिता को नहीं था. जन्म के दो महीने बाद जब मासूम को पीड़ा शुरू हुई तो डॉक्टर से दिखाया गया और जांच में ये दुर्भाग्यपूर्ण पुष्टि हुई. लेकिन घरवालों की चिंता तब और बढ़ी जब इस बीमारी के बारे में विस्तार से पता चला. दरअसल, डॉक्टर की मानें, तो इस बीमारी की जद में आने के बाद मासूम की उम्र अधिकतम 2 साल तक ही रहती है. इस बीमारी से मरीज का मांस धीरे-धीरे जलने लगता है.
स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी(एसएमए) कैंसर से भी खतरनाक बिमारी है. इसका इलाज बेहद महंगा है. शरीर में SMN-1 जीन की कमी से होने वाले इस बीमारी के कारण छाती की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और सांस लेने में कठिनाई होती है. इस बीमारी के लिए जिम्मेदार जीन शरीर में तंत्रिका तंत्र के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक प्रोटीन के निर्माण को बाधा पहुंचाता है. जिससे तंत्रिका तंत्र नष्ट होता है और बच्चे की मौत हो जाती है. यह बीमारी मांसपेसियों को बर्बाद कर देती है.
इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद बच्चे के अंदर दिन-व दिन समस्या तेजी से गहराती है. पीड़ित बच्चों की मांसपेशियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि वो हिलने-डुलने लायक तक भी नहीं रहते हैं. सांस लेने के लिए भी वेंटिलेटर की जरुरत पड़ती है. इसके लिए एकमात्र इंजेक्शन कारगर होता है जिससे बच्चे की आयु बढ़ सकती है. लेकिन वो इंजेक्शन खरीदना इतना आसान नहीं है.
दरअसल, इस जोलजेन्स्मा इंजेक्शन (Zolgensma) की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये (16 Crore Injection) है जो विदेश से मंगाया जाता है. अयांश के माता-पिता अपने बच्चे को इंजेक्शन दिलाने के लिए लोगों से व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra modi) से मदद की गुहार लगा रहे हैं. इस इंजेक्शन की खासियत ये है कि यह बच्चों की मांसपेशियों को कमजोर करने वाले जीन को निष्क्रिय कर देता है,तंत्रिका कोशिकाओं के लिए जरूरी प्रोटीन को बनाने में मदद करता है. जिससे बच्चा सामान्य हाल में आने लगता है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan