Ram Mandir Bhumi Pujan, सीतामढ़ी : श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को भूमिपूजन हुआ, जिसको लेकर जानकी (सीता) की जन्मभूमि सीतामढ़ी में काफी उत्साह दिखा. यहां कोरोना महामारी को लेकर जारी निर्देशों का पालन करते हुए उत्सव मनाया गया़ जानकी की जन्मभूमि राममय हो गयी. जानकी जन्मभूमि क्षेत्र स्थित पुनौरा धाम एवं जानकी स्थान मंदिर के अलावा रामायणकालीन हलेश्वर नाथ शिवालय, सीता डोली स्थल-पंपाकर धाम, बगही धाम, चकमहिला आदि को आकर्षक तरीके से सजाया गया था.
विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने लड्डू बांटकर खुशियां मनायीं. वहीं, शाम को 5000 से अधिक दीये जलाये गये.वहीं, जानकी स्थान मंदिर में भी विशेष पूजा एवं आरती के साथ ही सायंकाल में हजारों दीये जलाकर हर्षोल्लास के साथ दीवाली मनायी गयी. इस विशेष एवं ऐतिहासिक मौके पर एक नये प्रचलन की शुरुआत देखने को मिला. लोग जय श्रीराम व जय सियाराम कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करते दिखे.
गौरवान्वित करने वाली बात यह है कि जिस भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पूजा की जाती है, उन्हें मिथिला वासियों को गाली देने का अधिकार प्राप्त है. भगवान श्री राम को मिथिला के लोग पाहुन मानते है. विवाह पंचमी के अवसर पर अयोध्या से आने वाली बरात का सीतामढ़ी की धरती पर आगमन के बाद बरातियों को गाली देने की परंपरा शुरू हो जाती है.भगवान श्रीराम को केवल मिथिला में ही गाली दी जाती थी, जो उन्हें बहुत भाता था. उनका मन मिथिला की भूमि पर इतना रम गया था कि वे बरातियों समेत करीब सवा महीने मिथिला में रुकने के बाद माता सीता के साथ अयोध्या लौटे थे.