शुभम कुमार, पटना: सर! पैरे में न गोली लगी है. काहें नर्वस हो रहे हैं. मरेंगे नहीं सर… शनिवार की देर रात गोली के शिकार हुए दारोगा अपने प्रभारी से बोल रहे थे. उनकी गाड़ी बाढ़ से चल कर पीएमसीएच जा रही थी. फतुहां तक खुद घायल दारोगा ही दूसरे को हिम्मत नहीं हारने की हिदायत दे रहे थे, लेकिन फतुहा के बाद पीएमसीएच पहुंचने से पहले ही उनकी सांसे थम गयीं.
बाढ़ गोली कांड में 42 वर्षीय मृतक एएसआइ राजेश कुमार के पार्थिव शरीर को रविवार की दोपहर पुलिस लाइन लाया गया. जैसे ही उनके चेहरे से प्लास्टिक को सिपाहियों ने हटाया तो वहां मौजूद हर पुलिसकर्मी के आंखों में आंसू आ गये. रविवार को पुलिस लाइन में एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने मृतक एएसआइ राजेश कुमार को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस मौके पर पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप यादव समेत अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे. मौके पर उनके परिवार को निजी कोष से अंतिम संस्कार के लिए कुछ राशि दी गयी. एसएसपी मृतक के भाई से बात की और परिवार के बारे में जाना. मिली जानकारी के अनुसार अब उनके आठ साल के पुत्र को बाल सिपाही के रूप में भर्ती करने तैयारी चल रही है.
पुलिस लाइन में चर्चा करते हुए उनके साथ गाड़ी में आये सिपाहियों ने कहा कि गलती हो गयी है भाई…पैर में कपड़ा बांध देना चाहिए था, खून रुक जाता तो तुम बच जाते. दरअसल राजेश के पैर में तीन गोलियां लगी. दो दाये और एक बाये पैर में. घायल एएसआइ के पैर से खून रुकने का नाम नहीं ले रहा था, जिसकी वजह से उसके शरीर का सारा खून निकल गया और उसने फतुहा पार करते ही दम तोड़ दिया.
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मिली जानकारी के अनुसार राजेश पूर्व में ग्रामीण एसपी पटना के बॉडीगार्ड थे. इसके अलावे वह दीदारगंज थाना व पटना डॉल्फिन मोबाइल में भी तैनात रह चुके थे. मृत एएसआइ अपने पीछे चार पुत्री और एक पुत्र छोड़कर गये. सबसे बड़ी पुत्री की उम्र 19 साल है. वहीं संतानों में सबसे छोटे पुत्र 08 साल का है. वहीं मिली जानकारी के अनुसार इस बार बड़ी बेटी की शादी करने की सोंच रहे थे. उसके लिए रिश्ता खोजा जा रहा था
एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है. अपराधी केवल मुखिया को मारने आये थे. क्यों कि वहां पर एएसआइ सिविल में उपस्थित थे उनको भी गोली लगी और उनकी मौत हो गयी.
Posted By: Thakur Shaktilochan