पटना : पटना उच्च न्यायालय ने एक बार फिर अभियुक्त को इस शर्त पर जमानत दी कि उसे अस्पताल में जाकर कम-से-कम तीन महीने तक कोरोना वायरस योद्धाओं की तरह सेवा करनी होगी. उसके बाद ही उसकी जमानत पक्की होगी. न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने मनोज कुमार को जमानत देते हुए कहा की जमानत मिलने के बाद कोरोना मरीज के सेवा करनी होगी. उसे यह देखना होगा कि कोरोना मरीज से संबंधित उसके अगल-बगल के इलाके में कोई काम तो नहीं है, अगर काम है, तो उसे वहां जाकर उन लोगों की सेवा करनी होगी.
मालूम हो कि न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय के कोर्ट से दूसरा आदेश है. इसके पहले भी इसी एकलपीठ ने एक बिल्डर को जमानत देते हुए कहा था कि अभियुक्त स्वयंसेवक के रूप में तीन महीने तक लगातार अपनी सेवा कोरोना मरीजों की सेवा में देते रहेंगे. आरोपित 25 जनवरी, 2020 को जेल गया था. यह मामला बेगूसराय के अनुसूचित जाति जनजाति न्यायालय के विशेष न्यायाधीश रवींद्र सिंह की अदालत में लंबित है.
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर मृत मिली महिला के मामले की सुनवाई आठ जून कोपटना. मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर सूरत की मृत मिली महिला की वायरल वीडियो के मामले की अगली सुनवाई अब आठ जून को होगी. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले के समाचार पत्र एवं अन्य माध्यमों से प्रकाशन के बाद स्वत: संज्ञान लिया था.
कोर्ट ने 28 मई को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार केंद्र सरकार रेल मंत्रालय समेत अन्य कई लोगों से दो जून तक जवाब मांगा था. बुधवार को यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध भी था. इस मामले को सुनवाई के लिए जैसे ही पुकारा गया कोर्ट ने राज्य सरकार से 8 जून तक यह बताने को कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने उससे इस मामले में कोई जवाब तलब किया है.