पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में नामांकन पर लगी रोक, 125 सीट पर होना था एडमिशन
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पटना में 125 सीट पर बीएमएस और 85 सीट पर पीजी के छात्रों का एडमिशन लिया जाता है. एनसीआइएसएम की ओर से जारी पत्र में अस्पताल में कई तरह की कमियां बतायी गयी हैं.
पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज से बीएमएस व पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है. नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम फॉर मेडिसिन (एनसीआइएसएम) ने सत्र 2022-23 के लिए कॉलेज में दाखिले पर अपनी रोक बरकरार रखी है. कॉलेज प्रशासन की ओर से लगातार अनुमति देने की मांग को एनसीआइएसएम ने नहीं माना है. कमीशन की ओर से एक पत्र जारी कर यह स्पष्ट कर दिया गया है कि जब तक कॉलेज में फैकेल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, लाइब्रेरी, लैब, डॉक्टर व कर्मियों की संख्या आदि कमियां पूरी नहीं होंगी, तब तक कॉलेज में नामांकन नहीं हो सकता है.
125 यूजी व 85 पीजी सीट पर होना था नामांकन
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज पटना में 125 सीट पर बीएमएस और 85 सीट पर पीजी के छात्रों का एडमिशन लिया जाता है. एनसीआइएसएम की ओर से जारी पत्र में अस्पताल में कई तरह की कमियां बतायी गयी हैं. कमीशन द्वारा जारी पत्र में शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक, अस्पताल कर्मी, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग समेत कई तरह की कमियां दिखायी गयी हैं. 80 फीसदी कर्मियों की जगह यहां मात्र 52 प्रतिशत कर्मी ही काम कर रहे हैं. रजिस्ट्रार , सीनियर रेजिडेंट , नर्स , पारा मेडिकल , टेक्नीशियन , सर्जन , फिजिशियन , वार्ड ब्वॉय समेत अन्य कर्मियों की कमी भी दिखायी गयी है.
क्या कहता है अस्पताल प्रशासन
वहीं इस संबंध में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में नामांकन की अनुमति दी जानी चाहिए. आयोग द्वारा जो भी कमियां बतायी गयी हैं, उसके दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है. उम्मीद है कि अंडरटेकिंग के जरिये इस बार भी नामांकन की अनुमति मिल जायेगी. कॉलेज प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में तेजी से व्यवस्था दुरुस्त करने के कार्य में जुटा है.