बिहार के बांका में मां-पिता ने बच्चों को कैसे फुसलाकर खिलाया जहर, जानिए रात की आखिरी बातचीत
बिहार के बांका में एक परिवार के पांच लोगों ने जहर खा लिया. तीन लोगों की मौत हो गयी. मां-पिता ने बच्चों को किस तरह फुसलाकर जहर खिलाया, बेटी ने बताया...
बांका में 10 लाख रुपए से अधिक का कर्ज नहीं चुका पाने पर एक परिवार के पांच लोगों ने बीते शुक्रवार की रात करीब दो बजे जहर खा लिया. इस घटना में पति-पत्नी और उनके एक बेटे की मौत हो गयी है. बाकि दो बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. बांका जिला के अमरपुर प्रखंड अंतर्गत बलुआ गांव के इस घटना की चर्चा अभी पूरे बिहार में है. परिवार के मुखिया कन्हाय महतो नॉनबैंकिंग ग्रुप लोन लेकर अब उसकी राशि लौटाने में असमर्थ थे. गांव के भी कई लोगों से कर्ज ले रखा था. उसे लौटाने का दबाव बढ़ा तो परिवार ने आत्महत्या का फैसला लिया. रात दो बजे के करीब पति-पत्नी ने पहले जहर खाया और फिर अपने बच्चों को बहला-फुसलाकर जहर खिला दिया.
मिठाई के साथ मां ने खिला दी जहर
कन्हाय महतो और उनकी पत्नी गीता देवी ने पहले सल्फास की गोली खायी. उसके बाद अपने बच्चों को भी मिठाई में मिलाकर जहर खिला दिया. उनके सबसे छोटे बेटे राकेश (8 वर्ष) ने बताया कि उसकी मां ने मिठाई के साथ जहर की गोली खिला दी. लेकिन उसने उगल दिया और बाहर जाकर चिल्लाने लगा. अपने परिजनों को बताया तो सभी दौड़े-भागे उसके घर आए. सबको अस्पताल पहुंचाया जहां से भागलपुर रेफर किया गया.
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बेटी ने बताया… एक हाथ में मिठाई दूसरे हाथ में जहर लेकर आयी मां
कन्हाय महतो और उसकी पत्नी ने पहले दम तोड़ा. अस्पताल में ही उनके एक बेटे धीरज (12 साल) की भी मौत हो गयी. बड़ी बेटी सविता और छोटे बेटे राकेश का इलाज चल रहा है. उन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया है. सविता ने बताया कि रात दो बजे सभी गहरी नींद में थे. मां ने हम सबको जगाया. मां के एक हाथ में मिठाई तो दूसरे हाथ में एक दवा थी. मां ने कहा कि मिठाई के साथ ये दवा खा लो. पिता ने भी दवा खाने के लिए कहा. गोली खाने के बाद सबको उल्टी होने लगी.ग्रामीणों ने बताया कि सबसे छोटा बेटा जहर खाने को तैयार नहीं था. लेकिन जब उसने जिद पर गोली खा ली तो मुंह से फेंक दिया और बाहर भाग गया.
कर्ज लौटाने के दबाव से परेशान थे पति-पत्नी
मृतक की बेटी ने कहा कि माता-पिता ने कई कंपनियों से कर्ज लिए थे.उसे लौटा नहीं पा रहे थे. वो जब घर से बाहर निकलते थे तो गांव के लोग ताने मारते थे. शुक्रवार की शाम को भी ग्रुप की बैठक हुई थी. पैसा लौटाने का दबाव सबने बनाया था. अंत में रात में मां-पापा ने खुद भी जहर खा लिया और हम भाई-बहनों को भी खिला दिया.
एकसाथ उठी तीन अर्थी, पसरा मातम
बताते चलें कि बलुआ गांव की इस घटना को जानने के बाद ग्रुप की कई महिलाएं मृतक के घर पर पहुंचकर हंगामा करने लगीं. परिजनाें ने किसी तरह स्थिति को संभाला. मृतक के आवास पर घंटों अफरा-तफरी मची रही. वहीं एकसाथ परिवार के तीन लोगों की अर्थी उठी तो परिजनों में कोहराम मच गया. लोगों की आंखें नम थी.