बिहार में बैंक जरूरत के हिसाब से नहीं दे रहे ऋण : सम्राट चौधरी
उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बैंकों द्वारा ऋण वितरण में कोताही बरते जाने को गंभीरता से लिया.
संवाददाता,पटना उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बैंकों द्वारा ऋण वितरण में कोताही बरते जाने को गंभीरता से लिया.उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि राज्य में बैंक जरूरत के हिसाब से ऋण नहीं दे रहे हैं.यह चिंता की बात है.इस पर 17 फरवरी को एसएलबीसी की बैठक में बैंकों से गंभीरता से बात करुंगा.ऋण बांटने के मामले में राज्य के ग्रामीण बैंकों को छोड़ दें, तो अन्य बैंकों द्वारा निर्धारित लक्ष्य की तुलना में काफी कम ऋण बांटे जा रहे हैं, जबकि जरूरत लक्ष्य से अधिक ऋण देने की है.राज्य को आगे बढ़ाने के लिए ऋण वितरण की गति को तेज करना जरूरी है. श्री चौधरी बुधवार को ज्ञान भवन में नाबार्ड की ओर से आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य विकास हुआ है,राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने के लिए इस गति से काम नहीं चलने वाला है,हमें तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है. इसके लिए बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. श्री चौधरी ने कहा कि नाबार्ड ने बैंकों के लिए हर जिले के साथ-साथ राज्य स्तरीय लक्ष्य निर्धारित किया है.बैंकों इस लक्ष्य अधिक ऋण बांटना होगा.इस मौके पर नाबार्ड की ओर से स्टेट फोकस पेपर जारी किया गया.इसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य के प्राथमिक क्षेत्र में 2.65 लाख 65 हजार करोड़ ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.इस मौके पर बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा, पशुपालन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ एन विजयलक्ष्मी,विधान पार्षद सर्वेश कुमार,आरबीआइ के जीएम राजेश कुमार जायकांत,नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विजय कुमार सिन्हा और एसबीआइ के जीएम रविंद्र श्रीवास्तव सहित रिजर्व बैंक, अन्य बैंक और नाबार्ड के वरीय अधिकारी भी मौजूद थे.
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