पटना : बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) ने नवादा सदर एसडीओ अनु कुमार के निलंबन का जमकर विरोध किया है. संघ का कहना है कि ठीक इसी तरह का आदेश मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने भी जारी किया है. लेकिन, उन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से नहीं की गयी है. बासा का कहना है कि विधानमंडल के सदस्य के लिखित आवेदन पर तथा जिला पदाधिकारी की मौखिक सहमति पर ही नवादा सदर एसडीओ ने यह निर्णय लिया है. ऐसे में सिर्फ एसडीओ पर कार्रवाई गलत है.
संघ ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. संघ का कहना है कि बिहार के अन्य जिलों में भी कोटा के लिए कई परमिट जारी किये गये हैं. संघ की मांग है कि जिला पदाधिकारी की तरफ से जारी अंतरराज्यीय परमिट में भी संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये. बासा के अध्यक्ष शशांक शेखर ने बताया कि मामले में सरकार के इस निर्णय के खिलाफ विरोध करने के लिए सख्त निर्णय लिया जायेगा.
मालूम हो कि हिसुआ के बीजेपी विधायक अनिल सिंह को लॉकडाउन में पास जारी करनेवाले नवादा सदर एसडीओ अन्नु कुमार को निलंबित कर दिया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दिया है. अन्नु कुमार बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं. नवादा के डीएम ने उनको कर्तव्य पालन में गंभीर लापरवाही का दोषी पाते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए अनुशंसा की थी.
निलंबन अवधि के दौरान अन्नु कुमार का मगध प्रमंडल (गया) का कार्यालय निर्धारित किया गया है. उन पर आरोप है कि विधायक को वाहन पास की अनुमति देने से पहले उनके स्तर से समर्पित आवेदन की समुचित समीक्षा और जांच नहीं की गयी. बिना इसके उन्हें अंतरराज्यीय पास जारी कर दिया गया.
गौरतलब है कि महामारी बीमारी एक्ट, 1987 के अंतर्गत बिहार महामारी बीमारी कोविड-19 नियमावली, 2020 के प्रावधान के तहत कोविड-19 महामारी घोषित की गयी है. इस कारण संपूर्ण देश में तीन मई तक लॉकडाउन है. इस दौरान अंतरराज्यीय परिवहन के लिए वाहन की अनुमति अत्यंत विशेष परिस्थिति को छोड़ कर अन्य स्थितियों में देने का प्रावधान नहीं है. फिर भी नवादा सदर एसडीओ ने वाहन की अनुमति जारी कर दी. इस आदेश में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 में लॉकडाउन तथा सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराना सभी सरकारी अधिकारियों का कर्तव्य है.