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कैंपस : सीबीएसइ : अब भाषा के पेपर में भी बेसिक और स्टैंडर्ड का कर सकते हैं चुनाव

सीबीएसइ 10वीं और 12वीं में गणित के तर्ज पर भाषा के पेपर में भी बेसिक और स्टैंडर्ड का विकल्प नये सत्र से मिलेगा.

संवाददाता, पटना

सीबीएसइ 10वीं और 12वीं में गणित के तर्ज पर भाषा के पेपर में भी बेसिक और स्टैंडर्ड का विकल्प नये सत्र से मिलेगा. जो स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा में भाषा विषय में अपनी पढ़ाई करना चाहते हैं, वे स्टैंडर्ड का विकल्प लेंगे. जबकि जिन्हें सिर्फ भाषा को पेपर के रूप में पढ़ना होगा, वे बेसिक का विकल्प चुन सकेंगे. स्कूली छात्रों की भाषाई कठिनाई को दूर करने के लिए इसे लागू किया जायेगा. सीबीएसइ ने शैक्षणिक सत्र 2025 से नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) के तहत 10वीं और 12वीं कक्षा के शैक्षणिक ढांचे में बदलाव के लिए स्कूलों को पत्र लिखा है. नये बदलावों के तहत छात्रों को अनिवार्य भाषा में भारतीय भाषा की पढ़ाई करनी होगी. देशभर के स्कूलों में 22 भारतीय भाषाओं की पढ़ाई होती है. उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र मराठी की पढ़ाई कर रहा है और वहां से हिंदी राज्यों में शिफ्ट होता है, तो ऐसे में उसके लिए हिंदी विषय बेहद कठिन होगा. छात्रों की इसी कठिनाई को दूर करने के लिए ही भारतीय भाषा के पेपर में बेसिक और स्टैंडर्ड का विकल्प देने का प्रस्ताव दिया गया है. इससे छात्र बिना डरे किसी भी राज्य में जाकर अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी कर सकेंगे. बेसिक भाषा का पेपर बहुत आसान होगा.

10वीं में तीन और 12वीं में दो भाषाएं जरूरी

एनइपी 2020 के तहत नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत शैक्षणिक ढांचे में बदलाव किया जाना है. मौजूदा समय में कक्षा 10 में क्रेडिट आधारित प्रणाली के तहत छात्रों को पांच विषयों में दो भाषाओं के साथ तीन विषयों की पढ़ाई करनी होती है. इसमें गणित, विज्ञान और सामाजिक अध्ययन शामिल हैं. लेकिन इसमें बदलाव करते हुए आगामी सत्र से 10 विषयों (सात मुख्य विषय और तीन भाषा) की पढ़ाई करनी होगी. इन तीन भाषाओं में से दो भारतीय भाषाएं अनिवार्य रूप से होंगी. जबकि अन्य विषयों में गणित और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा समेत सात प्रमुख विषय हैं.

11वीं, 12वीं में करनी होगी दो भाषाओं और चार विषयों की पढ़ाई

वहीं, कक्षा 11वीं और 12वीं में मौजूदा समय में छात्र पांच विषयों (एक भाषा और चार ऐच्छिक विषय) की पढ़ाई करते हैं. जबकि कुछ छात्र ऐच्छिक रूप से छह विषय भी पढ़ते हैं, जिसमें एक भाषा और पांच ऐच्छिक विषय होते हैं. लेकिन नये बदलाव में छात्रों को छह विषय (दो भाषाओं और चार विषयों) की पढ़ाई अनिवार्य होगी. इसमें दो भाषाओं में से एक भारतीय भाषा जरूरी होगी.

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