पटना. त्योहार आते ही शहर के अलावा पटना जिले के ग्रामीण इलाकों में मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं. होली रंगों के साथ-साथ खान-पान का त्योहार भी है, ऐसे में ये मिलावटखोर बड़े पैमाने पर पहले से ही अपना धंधा शुरू कर देते हैं.
त्योहार पर ज्यादातर चीजें मिलावटी मिलती हैं. इनमें मिलावट इतनी सफाई से की जाती है कि इनकी पहचान करना मुश्किल है. ऐसे में खरीदारी के समय थोड़ी सी जानकारी बीमार होने से बचा सकती है. दूसरी ओर त्योहार नजदीक है, लेकिन अभी तक खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से शहर में छापेमारी भी शुरू नहीं की गयी है.
अगमकुआं स्थित राज्य का इकलौता फूड सेफ्टी लैब इन दिनों काम नहीं कर रहा है. पिछले कई महीनों से राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) ने पटना के सरकारी इस लैब की मान्यता को समाप्त कर दिया है, लिहाजा, अब बिहार के सैंपल्स को कोलकाता भेजना डिपार्टमेंट की मजबूरी है.
जिसकी वजह से जो रिपोर्ट पहले 14 दिनों में आती थी उसे आने में महीने भर से भी ज्यादा का समय लग रहा है. एनएबीएल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से नवीनीकरण के लिए समय पर आवेदन नहीं दिया गया, नतीजा मान्यता 31 जनवरी 2021 को समाप्त कर दी गयी. ऐसे में मिलावट खोरो की चांदी है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha