Begusarai : एमडीएम का अंडा गुरुजी के गले का बना फंदा, ठंड के कारण अंडे की कीमत में बढ़ोतरी बनी मुसीबत
मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक के आदेश के आलोक में सभी स्कूलों में शुक्रवार को छात्रों को एमडीएम के साथ पूर्ण उबला हुआ अंडा दिया जाना है. वहीं जो छात्र अंडा नहीं खाते हैं उन्हें अंडे की समतुल्य राशि के अनुरूप मौसमी फल दिया जाना है. प्रत्येक गुरूजी को हर हाल में इस निर्देश का अनुपालन करना है.
प्रारंभिक स्कूली गुरु जी को एमडीएम का अंडा घोर मुसीबत में डाल रहा है. छात्र-छात्राओं को एमडीएम के साथ अंडा देना गुरु जी लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है. ठंड के कारण अंडे की कीमत में रोज रोज हो रहे बढ़ोतरी ने इस मुसीबत को और बढ़ा दिया है. बाजार में उबला हुआ अंडा सात रुपये की दर से थोक में बिक रहा है. वहीं विभाग पांच रुपये प्रति अंडा के दर से राशि निर्धारित कर चैन की बांसुरी बजा रहा है. ऐसी स्थिति में गुरु जी लोग काफी टेंशन में हैं. एक अंडा पर डेढ से दो रुपये कहां से एडजस्ट करें. यह उनके लिए एक बड़ी समस्या है. यदि छात्रों की उपस्थिति अधिक बना ली, तो जांच में पकड़े जाने पर विभाग नहीं बख्शेगा और यदि सभी छात्र-छात्राओं को अंडा नहीं मिला तो स्थानीय अभिभावकों का आक्रोश अलग से झेलना पड़ेगा. बीच का रास्ता निकालना गुरु जी लोगों के लिए चुनौती है. सच कहें तो एमडीएम का अंडा गुरु जी के लिए गले का फंदा साबित हो रहा है. सिस्टम की गड़बड़ी उन्हें बेईमान बनने को मजबूर कर रही है. यह सोचने की बात है कि स्कूलों में यह राशि कैसे और कहां से एडजस्ट होगी.
कोई हेडमास्टर प्रति छात्र डेढ से दो रुपये कैसे एडजस्ट करेगा. छात्रों के बीच अंडा या मौसमी फल के वितरण को लेकर विभाग सख्त है. विभाग के पदाधिकारी गंभीरता से इसकी जांच करते हैं. इसे लेकर सभी हेडमास्टरों को सख्त निर्देश दिया गया है. हालांकि कई बार गुरु जी लोगों द्वारा इस ओर विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया है. परन्तु अंडे की दर बढ़ाने की जगह कुछ अलग तरह से एडजस्ट करने का विभागीय मंत्र गुरु जी को स्वीकार्य नहीं है. क्योंकि जांच में यदि छात्रों के बीच अंडे या मौसमी फल का वितरण नहीं किये जाने की बात उजागर हुई तो फिर तो गुरूजी पर कार्रवाई बिल्कूल तय मानिये.
क्या है विभाग का निर्देश
मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक के आदेश के आलोक में सभी स्कूलों में शुक्रवार को छात्रों को एमडीएम के साथ पूर्ण उबला हुआ अंडा दिया जाना है. वहीं जो छात्र अंडा नहीं खाते हैं उन्हें अंडे की समतुल्य राशि के अनुरूप मौसमी फल दिया जाना है. प्रत्येक गुरूजी को हर हाल में इस निर्देश का अनुपालन करना है.
शोषण के शिकार हो रहे गुरूजी
एमडीएम में थोड़ी सी भी चूक होने पर गुरूजी को शोषण का शिकार होना पड़ता है.विभागीय जांच में पकड़े गये तो मैनेज करने के नाम पर शिक्षकों का जमकर शोषण भी होता है.अब अंडे को मैनेज करने के लिए मजबूरी में छात्र संख्या में गुरूजी को बेईमानी करनी पड़ती है.
शिक्षकों ने बतायी अपनी अपनी परेशानी
-
बीहट मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार कहते हैं कि अंडे की खरीदारी के लिए जितनी राशि विभाग से मिलती है, वह अपर्याप्त है. इससे काफी परेशानी होती है. विभाग के वरीय पदाधिकारी भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते है.
-
असुरारी उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के अनिल कुमार राय कहते हैं कि इन दिनों ठंड बढ़ जाने के कारण अधिकतर बच्चे अंडे की मांग कर रहे हैं.विभाग द्वारा जो मूल्य निर्धारित किया गया है, उसके हिसाब से खाने में एडजस्ट करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
-
रतौली मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक धनंजय कुमार का कहना है कि अंडे के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिल पा रही है.शुक्रवार को स्कूल में बच्चों की संख्या बढ जाती है.सबको अंडा या फल उपलब्ध कराना पड़ता है.काफी परेशानी होती है.