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वोटरों से पूछा जा रहा है प्रत्याशी पसंद हैं या नहीं

राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं से पूछा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में उन्होंने इसलिए मतदान नहीं किया कि उनके पसंद का एक भी अच्छा प्रत्याशी नहीं था.

संवाददाता,पटना राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं से पूछा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में उन्होंने इसलिए मतदान नहीं किया कि उनके पसंद का एक भी अच्छा प्रत्याशी नहीं था. मतदाताओं से यह भी पूछा जा रहा है कि क्या उनको पॉलिटिकल सिस्टम पर भरोसा है या नहीं. क्या उन्होंने इसलिए वोट नहीं दिया कि उनके समुदाय के नेता या धार्मिक नेता ने मतदान करने के लिए नहीं बोला था. क्या उनके क्षेत्र का प्रत्याशी उनकी जाति का नहीं था, इसलिए मतदान नहीं किया. कहीं लंबी कतार देखकर, तो कहीं परिवार के मुखिया द्वारा वोट डालने से मना तो नहीं किया गया. मतदाताओं से यह भी पूछा जा रहा है कि क्या वे किसी राजनीतिक दल के साथ सहानुभूति रखते हैं. इस तरह के सवाल सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं से पूछे जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव के बाद और विधानसभा चुनाव के पहले भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे का उद्देश्य है कि चुनाव में कैसे मतदाताओं की भागीदारी बढ़े और चुनाव की प्रक्रिया में कैसे सुधार किया जाये. सर्वे का काम हर विधानसभा क्षेत्र के दो उन बूथों के मतदाताओं का कराया जा रहा है, जहां पर सबसे अधिक मतदान हुआ है और दो वैसे बूथ जहां पर सबसे कम मतदान हुए हैं. सर्वे का काम आठ सितंबर तक पूरा हो जायेगा. विधानसभा क्षेत्रों में कराये जा रहे सर्वे की प्रश्नावली में सभी मतदाताओं द्वारा दी गयी सूचनाओं को दर्ज किया जा रहा है. प्रश्नावली में मांगी जाने वाली सूचना वोटर कार्ड है. अगर नहीं है तो क्यों नहीं है. क्या वोटरलिस्ट के बारे में जानकारी है. क्या नाम मतदाता सूची में दर्ज है या नहीं. अगर नाम नहीं है तो उसकी वजह क्या है. आपके परिवार के कितने सदस्यों की उम्र 18 वर्ष से ऊपर की है जिनका नाम वोटरलिस्ट में नहीं जुड़ा है. क्या उसने पिछले विधानसभा या लोकसभा में मतदान किया था. अगर मतदान नहीं किया तो उसकी वजह क्या थी. कहीं आपका बूथ तो घर से दूर नहीं था. भीड़ के कारण मतदान नहीं किया. क्या आपको राजनीतिक सिस्टम पर विश्वास नहीं है. क्या प्रत्याशी अच्छे नहीं थे. प्रत्याशी मेरी पसंद का नहीं था. वोट देने से क्या होगा,इससे कुछ बदलनेवाला नहीं है. क्या वह असुरक्षा के भय से बूथ तक नहीं गये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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