बिहार में शूटिंग करने पर बंगला,उड़िया और असमिया फिल्म को भी दिया जायेगा प्रोत्साहन
पूर्वी भारत या पड़ोसी राज्यों को देखें, तो फिल्म नीति के मामले में बिहार ने लंबा इंतजार किया है,लेकिन अब जो बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति बनी है उससे पूरे बिहार में सिनेमा को लेकर सकारात्मक माहौल बनने की उम्मीद है.
संवाददाता,पटना पूर्वी भारत या पड़ोसी राज्यों को देखें, तो फिल्म नीति के मामले में बिहार ने लंबा इंतजार किया है,लेकिन अब जो बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति बनी है उससे पूरे बिहार में सिनेमा को लेकर सकारात्मक माहौल बनने की उम्मीद है.फिल्म नीति के अंतर्गत राज्य की क्षेत्रीय भाषा भोजपुरी,मगही,अंगिका,मैथिली,वज्जिका में बनायी जानेवाली फिल्म को इस नीति के तहत तो प्रोत्साहित की ही जायेगी,इसके साथ ही दूसरे राज्यों की स्थानीय भाषाओं में बनने वाली वैसी फिल्में,जिसकी शूटिंग बिहार में हुई हो उससे भी बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि और सुविधाएं भी मिलेंगी. मसलन बंगला,उड़िया,संथाली और असमिया भाषा में बनने वाली फिल्म को भी प्रोत्साहन दिया जायेगा.इसका प्रावधान फिल्म नीति में किया गया है. 2 से 4 करोड़ तक का अनुदान फिल्म नीति के तहत राज्य में हिंदी और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों की शूटिंग के लिए फिल्म निर्माताओं को विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता और अनुदान देने का प्रावधान किया गया है. इसमें अनुदान के रूप में 2 से 4 करोड़ रुपये तक की राशि दी जायेगी, जो पूरे देश में सबसे अधिक है. यह सहायता सभी प्रकार की फिल्मों जैसे फीचर फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, टीवी सीरियल और ओटीटी के निर्माण के लिए दी जायेगी.बशर्ते की फिल्म की शूटिंग बिहार में होनी चाहिए. सिंगल विंडो सिस्टम और फिल्म फैसिलिटेशन सेल का गठन इस नीति के तहत बिहार राज्य में फिल्म निर्माण एवं अनुदान भुगतान की प्रक्रिया को सुचारू एवं पारदर्शी बनाने के लिए “सिंगल विंडो सिस्टम” बनाया गया है. वहीं, फिल्म फैसिलिटेशन सेल का गठन किया गया है. इस नीति का उद्देश्य इस क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना और प्रोत्साहित करने के अलावा राज्य में फिल्म शूटिंग की अनुमति की प्रक्रिया को आसान बनाना है. ताकि राज्य में स्वरोजगार और रोजगार के अवसर बढ़ सके और स्थानीय कलाकारों को फिल्म में काम मिल सके. फिल्म प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत फिल्म उद्योग और इससे जुड़े व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा देने और उसके प्रचार प्रसार के लिये भी अनुदान दिया जायेगा.
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