भारतमाला प्रोजेक्ट कैंप पर फायरिंग करने वाले चार अपराधी गिरफ्तार, हथियार व कारतूस बरामद

भारतमाला प्रोजेक्ट कैंप पर फायरिंग करने वाले अपराधी की गिरफ्तारी के लिए औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक द्वारा एसडीपीओ सदर के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी द्वारा तकनीकी विश्लेषण के आधार पर घटना का उद्भेदन करते हुए फायरिंग करने वाले दो अपराधियों के साथ - साथ इस गिरोह में शामिल दो अन्य अपराधकर्मी को भी गिरफ्तार कर लिया

By RajeshKumar Ojha | December 29, 2024 10:06 PM

भारतमाला प्रोजेक्ट कैंप पर फायरिंग करने वाले चार अपराधियों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है. उनके पास से एक पिस्टल,दो कट्टा,सात जिंदा कारतूस, चार मोबाइल और दो बाइक बरामद किया गया है. इसी के साथ पुलिस ने कैंप पर फायरिंग मामले के साथ-साथ आपराधिक गिरोह का उद्भेदन कर लिया.

पकड़े गए सातीरों में पलामू जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र के कुशी कर्मा गांव निवासी नर्मदेश्वर सिंह के पुत्र सूरज सिंह , छतरपुर थाना क्षेत्र के नावाबाजार खोड़ी निवासी उदेश्वर राम के पुत्र ऋषिराज उर्फ ऋषिकांत ,शहर थाना मेदनी नगर थाना क्षेत्र के वैरिया निवासी संतोष सिंह के पुत्र चेतन सिंह और शहर थाना क्षेत्र के बेलवा टीका निवासी अजीत सिंह के पुत्र अर्जुन सिंह उर्फ कन्हैया शामिल है.

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इन चारों अपराधियों में दो लोगों ने बेस कैंप पर हमला किया था वैसे एक अन्य अपराधी भी हमले में शामिल था. यानी तीन अपराधियों में दो पुलिस के हत्थे चढ़ गए. औरंगाबाद एसपी अंबरीश राहुल ने बताया कि 23 दिसंबर की रात आठ बजे भारतमाला प्रोजेक्ट में रोड बनाने वाले कंपनी पीएनसी के वेस कैंप पर तीन अज्ञात अपराधकर्मियों द्वारा फायरिंग की घटना की गई थी और पर्चा फेंका गया था.

एसआईटी ने किया उद्भेदन

घटना के उद्भेदन के लिे पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद द्वारा एसडीपीओ सदर के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया था. उक्त एसआईटी द्वारा तकनीकी विश्लेषण के आधार पर घटना का उद्भेदन करते हुए फायरिंग करने वाले दो अपराधियों के साथ – साथ इस गिरोह में शामिल दो अन्य अपराधकर्मी को भी गिरफ्तार कर लिया गया . तलाशी के क्रम इनके पास से एक देसी पिस्टल , दो देसी कट्टा , सात कारतूस, दो बाइक तथा चार मोबाईल बरामद किया गया है.

अपराधियों से पूछताछ के क्रम में यह बात सामने आई है कि झारखंड में कुणाल सिंह नामक अपराधी की हत्या वर्ष 2020 में हो गई थी. उस अपराधी के गिरोह का वर्तमान में नेतृत्व शुभम सिंह नाम का एक अपराधी कर रहा है. ये सभी अपराधी इसी गिरोह के सक्रिय सदस्य है.

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इसी शुभम सिंह द्वारा इस घटना की पूरी योजना बनाई गई और अपने ही गिरोह के सूरज सिंह , चेतन सिंह , अर्जुन सिंह , ऋषिराज उर्फ ऋषिकांत एवं अन्य को इस घटना का अंजाम देने की जिम्मेदारी दी गई थी.23 दिसंबर को कुल चार अपराधी दो बाइक से झारखंड से औरंगाबाद में प्रवेश किया.

इनमें से तीन अपराधी सुरज सिंह ,ऋषिकांत एवं एक अज्ञात अपराधी द्वारा पीएनसी कंपनी के गेट पर आ कर फायरिंग की गई. इसके बाद वे पर्चा फेंक कर भाग गए.इस काम को करने के लिए शुभम सिंह द्वारा सूरज सिंह और ऋषिकांत को 10,000 रुपए भी दिए गए थे.घटना में शामिल सूरज सिंह और ऋषिकांत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया .

शुभम सिंह गिरोह ने किया था गोलीबारी

साथ ही योजना में शामिल चेतन सिंह एवं अर्जुन सिंह को भी दबोच लिया गया .एसपी ने यह भी बताया कि शुभम सिंह एवं अन्य सभी संलिप्त अपराधियों की पहचान कर ली गई है. इनकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी लगातार प्रयास कर रही है. जल्द ही इनकी भी गिरफ्तारी सुनिश्चत कर ली जाएगी.

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास भी रहा है.सूरज सिंह के विरुद्ध पाटन थाना में काण्ड सं99/23, तरहसी थाना में ही काण्ड सं-58/23 दर्ज है.
अर्जुन सिंह के विरुद्ध अंबा थाना में काण्ड सं-191/22 दर्ज है.शेष अपराधियों का अपराधिक इतिहास के बारे मे जानकारी प्राप्त की जा रही है.

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