कैमूर. आज यानी शुक्रवार की दोपहर मुंडेश्वरी धाम के रंगमंच पर भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार सह राजनेता मनोज तिवारी अपनी आवाज का जादू बिखरेंगे. इस दौरान दर्शकों व श्रद्धालुओं को मनोरंजित करेंगे. इसको लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. रंगमंच मैदान से जहां दुकानदारों द्वारा लगाये गये अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. वहीं, सुरक्षा व सुविधा के लिहाज से मैदान के चारों ओर बैरिकेडिंग भी की जा रही है. इसको लेकर बुधवार की शाम डीएम नवदीप शुक्ला खुद के अधीनस्थ पदाधिकारियों को लेकर मौके पर पहुंचे थे. इसके बाद भोजपुरी गीतों के गायक सह फिल्म अभिनेता व दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी के आगमन तथा उनके कार्यक्रम को लेकर स्थानीय प्रखंड प्रशासन हरकत में आ गया.
गुरुवार की सुबह से ही अंचलाधिकारी विनोद कुमार सिंह, थानाध्यक्ष अनिल प्रसाद व प्रखंड विकास पदाधिकारी चंद्रभूषण कुमार की संयुक्त टीम द्वारा रंगमंच के मैदान में दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने का सिलसिला जो शुरू हुआ, वह सिलसिला देर शाम तक खबर लिखे जाने तक देखने को मिला.
जानकारी के अनुसार, भोजपुरी गीतों के जाने-माने गायक मनोज तिवारी का मुंडेश्वरी धाम में चार फरवरी को कार्यक्रम था. फिर अचानक मनोज तिवारी के ही सुविधा अनुसार उसे तीन फरवरी को निर्धारित कर दिया गया. इस कार्यक्रम की तिथि व समय के निर्धारण के अटकलों का नतीजा अब यह है कि इसका प्रतिकूल असर जिला प्रशासन तथा धार्मिक न्यास प्रशासन के दिलो-दिमाग पर पड़ता देखा जा रहा है.
दरअसल, भोजपुरी गीतों व फिल्मों के साथ-साथ राजनीति के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान छोड़ने वाले मनोज तिवारी के अचानक आगमन को लेकर मैनेजमेंट की स्थिति बुरी तरह प्रभावित होती देखी जा रही है. बताया जाता है कि जिस मंच से अपने संगीतमय कलाकारों के साथ तिवारी अपना जलवा बिखेरेंगे. उस रंगमंच की ना ही अब तक रंगाई पुताई की गयी है और ना ही उसका सजावट किया गया है. इससे यह साबित होता है कि हो ना हो उपरोक्त पॉपुलर कलाकार सह राजनेता के कार्यक्रम की तिथि व समय पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं थी. तभी तो जिला प्रशासन व धार्मिक न्यास परिषद के पदाधिकारियों को उनके प्रोग्राम को सफल बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
गौरतलब है कि माता मुंडेश्वरी धाम के सर्वकालिक इतिहास में अब तक जितने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए हैं, उसको लेकर प्रशासन करीब एक सप्ताह पहले या फिर उससे अधिक समय से अपनी कमर कस लेती थी. मगर मौजूदा कार्यक्रम की स्थितियां कुछ और हीं बयां करती हैं. मनोज तिवारी के आगमन से ठीक एक दिन पहले प्रशासन रंग मैदान को अतिक्रमण मुक्त करवाने में जुटी हुई है. मौके पर जुटने वाले श्रद्धालुओं, दर्शकों व गीत श्रोताओं या फिर यूं कहें कि मनोज तिवारी के प्रशंसकों की सुविधाओं को लेकर यथासंभव प्रयास में जुटी हुई है. धार्मिक न्यास के सूत्रों के मुताबिक के भभुआ सदर अनुमंडल पदाधिकारी साकेत कुमार बुधवार को माता मुंडेश्वरी धाम में मनोज तिवारी के कार्यक्रम को लेकर ही पहुंचे थे. वहां उन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में आयोजक दौरा ससमय इंफॉर्मेशन नहीं किये जाने से काफी आक्रोश व्यक्त की, तब उनके द्वारा कहा गया कि यदि इस कार्यक्रम में कोई भी विशेष व्यवधान पड़ता है, तो इसका जिम्मेदार आयोजक को ठहराते हुए उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
दरअसल, मुंडेश्वरी धाम के दुकानदारों में चर्चा था कि मनोज तिवारी का कार्यक्रम या तो सुनिश्चित नहीं है या फिर उनके कार्यक्रम का आयोजन रंगमंच में नहीं होकर यज्ञशाला व आइबी चिट्ठी के बीच में आयोजित होगा. मगर इस तरह की कल्पना करने वाले छोटे-मोटे प्रसाद व्यवसायियों व आम श्रद्धालुओं की प्यास बुझाने वाले छोटे-मोटे जिलेबी, पकौड़ी के दुकानदारों की संभावना पूरी तरह से निरस्त तब हो गयी, जब आयोजन तिथि से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को सीओ, राजस्व पदाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में दर्जनों कर्मी मौके पर पहुंच कर कार्यक्रम स्थल मैदान से अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया. इस दौरान मुंडेश्वरी धाम के दुकानदार अपने-अपने टेंपरेरी दुकानों के बांस, त्रिपाल व बिक्री हेतु उसमें रखी गयी सामग्रियों को लेकर इधर-उधर भागते नजर आये.
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इस संबंध में आयोजन समिति के अध्यक्ष चंद्रमौली उपाध्याय ने बताया कि इस कार्यक्रम की तिथि व समय भोजपुरी कलाकार मनोज तिवारी के सुविधा अनुसार निर्धारित की गयी है. इससे पहले कार्यक्रम की तिथि चार फरवरी को सुनिश्चित की गयी थी. मगर उनके और मनोज तिवारी के बीच हुई फोन से बातचीत के बाद उन्होंने किसी भी कारणवश उपरोक्त तिथि को बदल कर दिन शुक्रवार व तिथि तीन फरवरी तय कर दी. उन्होंने बताया कि रंगमंच कार्यक्रम दोपहर लगभग दो बजे शुरू हो जायेगा.
भभुआ एसडीएम साकेत कुमार ने बताया कि उक्त कार्यक्रम की सूचना उन्हें बुधवार को मिली. ऐसे में इतने बड़ा कलाकार सह राष्ट्र स्तर के राजनेता के कार्यक्रम को लेकर निश्चित रूप से प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है. यदि अचानक तिथि निर्धारित किये गये उपरोक्त कार्यक्रम में कोई व्यवधान पड़ती है, तो इसके जिम्मेदार निश्चित तौर पर आयोजन समिति होगा.