Bhumi Survey: राज्य में चल रहे जमीन सर्वे को फाइनल होने से पहले यानी खतियान का ड्राफ्ट पब्लिश होने तक किसी प्रकार की समस्या होने पर समाधान के लिए रैयतों को तीन अवसर मिलेंगे. इन अवसरों पर उपस्थित होकर बंदोबस्त पदाधिकारी के समक्ष रैयत अपनी आपत्ति या दावा रख सकते हैं. उन आपत्ति या दावा के समाधान के लिए बंदोबस्त पदाधिकारी संबंधित पक्षों की सुनवाई करने और कागजात देखने के बाद अपना निर्णय देंगे. इसके बाद सर्वे फाइनल होने पर खतियान का प्रकाशन होगा. वहीं बंदोबस्त पदाधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होने वाले रैयत न्याय पाने के लिए सिविल कोर्ट या हाइकोर्ट जा सकते हैं. सूत्रों के अनुसार सर्वे की प्रक्रिया समाप्त करने की समय-सीमा जुलाई 2025 है. ऐसे में पहले अवसर के तौर पर आवेदक के पास पूरे कागजात नहीं होने पर भी वे अपने जमीन की स्वघोषणा कर सकते हैं. साथ ही जमीन की मापी और सत्यता की जांच के लिए पहुंचे पदाधिकारी और अमीन के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं. यदि किसी कागजात की कमी हो तो उसे भी दिया जा सकता है.
दावा-आपत्ति का दूसरा अवसर
दूसरे अवसर के तौर पर सर्वे का ड्राफ्ट छह महीने बाद ऑनलाइन देखा जा सकता है. इस ड्राफ्ट में किसी को कोई आपत्ति होने पर वह ऑनलाइन क्लेम कर सकता है. इस पर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी या बंदोबस्त पदाधिकरी के समक्ष अपनी बातें रखी जा सकती हैं. उचिक कागजात के आधार पर उस ड्राफ्ट में संशोधन किया जा सकता है.
दावा-आपत्ति का तीसरा अवसर
जमीन सर्वे में किसी तरह की आपत्ति होने पर उसे दायर करने का अंतिम अवसर खतियान का ड्राफ्ट और नक्शा तैयार होने पर मिलेगा. फॉर्म-20 में डेटा व नक्शा तैयार कर लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा. लोगों के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से यह व्यवस्था रहेगी. सर्वे के बाद तैयार होने वाले डेटा और नक्शा में दर्ज तथ्यों से रैयतों के असहमत होने पर वे फॉर्म-21 भरकर अपनी आपत्ति दायर कर सकते हैं. विभाग के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि बंदोबस्त पदाधिकारी के समक्ष अपील दायर करने का प्रावधान है. इसके लिए सुनवाई के समय शिविर कार्यालय में उपस्थित होकर दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष रखना होगा.
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