प्रोन्नति के बाद भी कनीय पदों पर तैनाती, भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन
2010 में राजस्व सेवा के गठन के बाद पहली बार विभाग ने ऊपर के पद पर अपने सेवा के अधिकारियों को प्रोन्नति दी है. पदस्थापन के अभाव में प्रोन्नति बेमतलब की साबित हो रही है.
संवाददाता,पटना
2010 में राजस्व सेवा के गठन के बाद पहली बार विभाग ने ऊपर के पद पर अपने सेवा के अधिकारियों को प्रोन्नति दी है. पदस्थापन के अभाव में प्रोन्नति बेमतलब की साबित हो रही है. आलम यह है कि भूमि सुधार उपसमाहर्ता को कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया, जो कि उससे निचले पद सोपान का पद है. प्रोन्नति का उचित लाभ को लेकर राजस्व सेवा के पदाधिकारियों ने बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डाॅ दिलीप कुमार जायसवाल को ज्ञापन सौंपा है.राजस्व सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया. बिहार राजस्व सेवा के पदाधिकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल से पुराना सचिवालय स्थित उनके कार्यालय कक्ष में मिले. राजस्व सेवा के अधिकारियों की मांग है कि उनका प्रोमोशन पिछले अक्तूबर में ही भूमि सुधार उपसमाहर्ता/ जिला भू अर्जन पदाधिकारी जैसे पद पर कर दिया गया था. इन सभी पद पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी काबिज हैं. ये पद बिहार राजस्व सेवा का है. 2010 में राजस्व सेवा के गठन के बाद पहली बार विभाग ने ऊपर के पद पर अपने सेवा के अधिकारियों को प्रोन्नति दी है. उनकी मांग है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की विभिन्न अधिसूचनाओं द्वारा भूमि सुधार उपसमाहर्त्ता/जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एवं समकक्ष पदों पर प्रोन्नत किया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा किसी भी प्रोन्नत पदाधिकारी को भूमि सुधार उपसमाहर्ता / जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित नहीं किया गया है. भूमि सुधार उपसमाहर्ता/जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एवं समकक्ष पदः बिहार राजस्व सेवा का पद है, जिस पर वर्त्तमान में बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कार्यरत हैं एवं राजस्व सेवा के पदाधिकारी अपने से दो लेवल नीचे के पद पर कार्य करने को मजबूर हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है