पटना एम्स में अब कोविड मरीजों की संख्या शून्य हो चुकी है. यहां एक मात्र भर्ती मरीज अनु केडिया को सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. उनके जाने के बाद अब पटना एम्स में कोई भी कोविड मरीज नहीं है. पटना एम्स की लैब में भी कोविड पॉजिटिव मरीज अब न के बराबर सामने आ रहे हैं. रविवार को यहां आरटीपीसीआर विधि से 4482 मरीजों की जांच हुई थी लेकिन इसमें कोई भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया था.
कोविड की शुरुआत के साथ ही पटना एम्स बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सबसे बड़े सेंटर के तौर पर उभरा है. यहां पूरे राज्य से गंभीर मरीज इलाज के लिए आते रहे हैं. एक समय में यहां करीब 400 कोरोना मरीज भी भर्ती रह चुके हैं.
ऐसे में यहां मरीजों की संख्या शून्य होना इस बात का सबूत है कि राज्य में कोरोना के केस अब काबू में आ चुके हैं. पटना एम्स में आइसीयू समेत कोरोना मरीजों के इलाज की अत्याधुनिक व्यवस्था है.
दूसरी ओर पटना के आइजीआइएमएस, पीएमसीएच समेत दूसरे निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों की संख्या न के बराबर बची है. मरीजों की संख्या कम होने का कारण संक्रमण में आयी कमी है. सोमवार को पूरे राज्य में मात्र 112 एक्टिव केस थे. इसमें पटना में 19 एक्टिव केस थे.
इधर, पूरे बिहार में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 11 मरीज सामने आए हैं. राज्य के करीब 30 जिले में एक भी मरीज सामने आया हैं. वहीं बिहार में अब सिर्फ 112 मरीज एक्टिव है.