बिहार में पहली बार किसी छोटे बच्चे में पायरा इसोफिजियल हाॅर्निया की सफल लेप्रोस्कोपिक सर्जरी हुई है. 10 माह के बच्चे के खाने की नली के पास आंतें घुसी थीं जिसके बाद पटना में दूरबीन विधि से बच्चे का ऑपरेशन किया गया.
पूर्णिया का रहने वाला दस महीने के हसन राजा के छाती में दर्द और उल्टी की बीमारी ठीक नहीं हो रही थी. जिसके बाद पूर्णिया के डाॅ अखलाक ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे महावीर वात्सल्य अस्पताल रेफर कर दिया जहां जांच में देखा गया कि खाने की नली के साइड में आंतें घुसी हुई थीं. इसे मेडिकल टर्म में पायरा इसोफिजियल हाॅर्निया कहते हैं.
महावीर वात्सल्य अस्पताल के शिशु रोग सर्जन डाॅ ओम पूर्वे के नेतृत्व में डाक्टरों की टीम ने बिना चीरा लगाए दूरबीन विधि से सफल ऑपरेशन कर आंतों को सही स्थान पर स्थापित किया. डाॅ ओम पूर्वे ने बताया कि बिहार में पहली बार इतने छोटे बच्चे का इस तरह का ऑपरेशन दूरबीन विधि से किया गया है. ऑपरेशन के तीन दिनों के बाद ही बच्चा ठीक हो गया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
महावीर वात्सल्य अस्पताल में ढाई महीने के बच्चे के कन्जेनाइटल डाइफ्रैगमेटिक हाॅर्निया की भी दूरबीन विधि से सफल सर्जरी की गई. विक्रमगंज से आए इस बच्चे की आंत बायें साइड की छाती में घुसी हुई थी. इस बच्चे में बायें साइड का डाइफ्राम ही नहीं बना था जिस कारण से बच्चे को सांस फूलने की समस्या थी जो दवा से भी ठीक नहीं हो रही थी. सफल ऑपरेशन के बाद बच्चा अब स्वस्थ है. उसे गुरुवार को महावीर वात्सल्य अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. ऑपरेशन और इलाज करने वाली मेडिकल टीम में डाॅ पूर्वे के अलावा डाॅ चन्दन, डाॅ विनय रंजन, डाॅ राकेश, डाॅ रणदीप, डाॅ विवेक पांडेय, डाॅ गीता, डाॅ पुलक तोष शामिल थे.
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