बिहार : आज लगेगी स्टार्टअप के 16 नये आइडिया पर मुहर, चार साल में मिली 100 स्टार्टअप्स को मंजूरी
बिहार में स्टार्टअप प्रोजेक्ट की रफ्तार अभी काफी धीमी है.उद्योग विभाग ने इसमें अच्छा- खासा बजट एडवांस में दे रखा है,लेकिन आइडिया की कमी की वजह से यह योजना उम्मीद के मुताबिक परवान नहीं चढ़ सकी है.
पटना : बिहार में स्टार्टअप प्रोजेक्ट की रफ्तार अभी काफी धीमी है.उद्योग विभाग ने इसमें अच्छा- खासा बजट एडवांस में दे रखा है,लेकिन आइडिया की कमी की वजह से यह योजना उम्मीद के मुताबिक परवान नहीं चढ़ सकी है. 50 करोड़ से अधिक का बजट अभी आवंटित करने के लिए रखा हुआ है. 2020-21 में स्टार्टअप के लिए केवल 16 आइडिया मंजूर किये गये हैं. 2016 से अब तक 11 हजार स्टार्टअप के आइडिया दिये गये, पर इसमें महज सौ की ही मंजूरी मिली.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 2016 में आयी स्टार्टअप पॉलिसी के तहत 90 नये लोगों के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी गयी. 90 में से 67 को प्रथम किस्त दी गयी है. इनमें से दूसरी किस्त 44 स्टार्टअप की दी गयी है. 23 स्टार्टअप इन्फ्रास्ट्रक्चर गतिविधियां खड़ी कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक 10 स्टार्टअप ऐसे हैं , जिन्होंने विभिन्न कारणों से पैसे के लिए मांग ही नहीं की है. 16 स्टार्टअप को बुधवार को चयनित किया गया है. उम्मीद है कि गुरुवार को इनको सर्टिफिकेट जारी कर दिये जायें.जानकारी के मुताबिक एक स्टार्टअप को बिहार सरकार बिना किसी गारंटी के दस लाख रुपये देती है. इन पैसों से वह अपने प्रोजेक्ट से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूसरी जरूरतों पर खर्च करता है.
बिहार में इनके प्रोजेक्ट को तीन स्तरों पर जांचा जाता है. पहले स्टार्टअप प्रोजेक्ट की स्क्रीनिंग निदेशालय करता है. इसके बाद उस प्रोजेक्ट को उद्योगपतियों की समिति को भेजा जाता है. वे तकनीकी तौर पर उसका परीक्षण करती हैं. अंत में विभाग की एसआइए कमेटी उसे मंजूर करती है. इसके बाद विभाग उसे फाइनेंस कर देता है. एसआइए कमेटी अगले माह तक 70 प्रोजेक्ट्स को जल्दी ही मंजूरी दे सकती है. स्टार्टअप प्रकोष्ठ के ज्वाइंट डायरेक्टर बलराम सिंह ने बताया कि हमारे पास समुचित पैसा है,लेकिन नये तरह का नवाचार बहुत कम आ रहे हैं.