50th anniversary of samporn kranti आज से 50 साल पहले 18 मार्च 1974 को पटना में कांग्रेस की हुकूमत के खिलाफ छात्र-युवाओं का आक्रोश फूट पड़ा था. शिक्षा में सुधार, महंगाई और भ्रष्टाचार के विरोध में उस दिन बिहार विधानमंडल का घेराव करने जा रहे छात्रों पर पुलिस की गोली चली थी, जिसमें सात छात्र मारे गये थे. आजादी की लड़ाई में हिस्सा ले चुके जयप्रकाश नारायण ने आंदोलन को नेतृत्व देने का छात्रों का अनुरोध मान लिया.
इस आंदोलन की धमक बिहार से निकल कर दूसरे राज्यों में पहुंच गयी. केंद्र सरकार ने 1975 के जून में आपातकाल लागू कर विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. केंद्र सरकार के खिलाफ फूटे आंदोलन के दौरान जेपी ने संपूर्ण क्रांति का नारा देते हुए सत्ता नहीं, व्यवस्था में आमूल बदलाव का आह्वान किया था. उस आंदोलन की पचासवीं वर्षगांठ पर प्रभात खबर की ओर से पेश है विशेष आयोजन.
आंदोलन को नेतृत्व देने को ऐसे राजी हुए जेपी
पटना विश्वविद्यालय के छात्रों ने ह्वीलर सीनेट हॉल में जयप्रकाश जी को आमंत्रित कर युवाओं को संबोधित करने को कहा. यूथ फॉर डेमोक्रेसी पर जेपी का भाषण हुआ. छात्र संघर्ष समिति के नेताओं ने उनसे मिलकर आंदोलन का नेतृत्व संभालने का आग्रह किया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे आंदोलन के दौरान सब लोगों की राय लेंगे लेकिन अंतिम निर्णय उनका होगा. जेपी आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए तैयार हो गये.