पटना : बिहार के उद्योग विभाग ने स्किल के हिसाब से 5.95 लाख प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने के लिए पूरे प्रदेश में 5837 कार्यस्थल चिह्नित किये हैं. काम देने वाली कुल 2400 सरकारी, गैरसरकारी एवं निजी संस्थाओं ने इन प्रवासी मजदूरों को काम देने के लिए अभी तक पंजीयन कराया है. काम के योग्य चिह्नित किये गये ये सभी प्रवासी मजदूर कुशल श्रमिक हैं.
चिह्नित किये गये ये वे प्रवासी मजदूर हैं, जो दूसरे प्रदेशों में खास किस्म का काम किया करते थे. उसी तरह का या उसी से मिलता -जुलता काम इन्हें प्रदेश में देने की योजना है़ उद्योग विभाग के पोर्टल पर सभी कुशल मजदूरों की सूची अपलोड है़ वे यहां से अपनी पसंद के स्किल श्रमिकों की जानकारी लेकर उनसे कांटेक्ट कर सकेंगे. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जैसे-जैसे मजदूरों का 21 दिनों का कोरेंटिन टाइम खत्म होता जायेगा, रोजगार देने वाली संबंधित एजेंसियां उन्हें रोजगार दिलाने की कवायद शुरू कर देंगी. चिह्नित किये गये सभी स्किल लेबर हैं. जिनकी कुल प्रवासी मजदूरों की संख्या का करीब 25 फीसदी है. विशेष बात यह है कि इन मजदूरों को राज्य सरकार के विभिन्न विभाग भी अपनी- अपनी रोजगार परक योजनाओं में रोजगार दिलायेंगे. इसके लिए प्रत्येक विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहा है. शेष अकुशल प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने के लिए विभिन्न सरकारी और गैरसरकारी निर्माण एजेंसियों को आपदा प्रबंधन विभाग के जरिये डाटा दिये गये हैं.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक रोजगार के लिए सर्वाधिक कार्यस्थल मधुबनी में 442, गया में 360, मुजफ्फरपुर में 342, पश्चिमी चंपारण में 341, पूर्वी चंपारण 332, वैशाली में 316 और नालंदा में 297 में चिह्नित किये गये हैं. जाहिर है कि इन्हीं जिलों में प्रवासी मजदूरों के लिए सर्वाधिक रोजगार है. इसके अलावा सबसे कम कार्यस्थल वाले जिलों में शिवहर है, जहां रोजगार दिलाने वाले केवल 33 कार्यस्थल चिह्नित किये गये हैं. इसके अलावा शेखपुरा में 59,जहानाबाद में 52, मुंगेर में 72, मधेपुरा में 81 कार्यस्थल मंजूर किये गये हैं.
इन जिलों में मिलेंगे सर्वाधिक रोजगार–
जिला-स्वीकृत रिक्तियां
मधुनबी-38695
गया-34995
मुजफ्फरपुर-34215
पूर्वी चंपारण-32821
पश्चिमी चंपारण-30177
नालंदा-29019
सारण-26413
वैशाली-23699
सीतामढ़ी-23217
दरभंगा-23871
( इस खबर में प्रयुक्त सभी आंकड़े उद्योग विभाग से लिये गये हैं.)