Bihar : संपत्ति का ब्योरा नहीं देनेवाले 16 IPS अफसरों पर एक्शन, गृह विभाग ने लिखा पत्र
Bihar : बिहार सरकार ने उन 16 पुलिस अधिकारियों को एक माह के अंदर अपनी संपत्ति का खुलासा करने को कहा है, जिन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा अब तक गृह विभाग को नहीं सौंपा है.
Bihar पटना. बिहार में नये वित्तीय वर्ष की शुरुआत से एक दिन पहले सभी नौकरशाहों को अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करना होता है. 31 मार्च को जब ब्योरा सार्वजनिक हुआ तो उसमें 16 नौकरशाहों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया. गृहविभाग ने पाया कि बिहार कैडर के 16 आईपीएस अफसरों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया है. इसके बाद अब इस मामले में गृह विभाग ने डीजीपी को पत्र लिखा है. एक महीने का वक्त दिया है. एक माह के अंदर अगर उन नौकरशाहों की संपत्ति का ब्योरा विभाग को नहीं मिलता है तो उनपर विभागीय कार्रवाई होगी.
ब्योरा नहीं देनेवालों में ये हैं शामिल
बिहार कैडर के डेढ़ दर्जन आईपीएस अधिकारियों ने वर्ष 2023 की अपनी चल एवं अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. प्रवीण वशिष्ठ, अरविंद कुमार, डा. परेश सक्सेना, जगमोहन, ओएन भास्कर, हरि प्रसाथ एस, धूरत सायली सावलाराम, आदित्य कुमार, मो. सैफुर्रहमान, शौर्य सुमन, विनीत कुमार, शुभम आर्या, शुभांक मिश्रा, भावरे दीक्षा अरुण के साथ दो प्रमोटी आइपीएस अधिकारी अशोक कुमार चौधरी और मदन कुमार आनंद ने एक अप्रैल तक संपत्ति का ब्योरा समर्पित नहीं किया है. वहीं कुछ पहले बिहार कैडर के आईपीएस और आइएएस अफसरों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था, जिसमें डीजीपी आरएस भट्टी, शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक समेत आला अधिकारियों ने अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी.
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बार-बार कहने के बाद भी ब्योरा अपलोड नहीं
गृह विभाग ने डीजीपी आरएस भट्टी को पत्र लिखकर संबंधित पुलिस अधिकारियों को संपत्ति का ब्योरा अपलोड करने के लिए निर्देश देने के लिए कहा है. गुरुवार को मिली जानकारी के अनुसार गृह विभाग ने इसके पूर्व भी नौ जनवरी और पांच मार्च को डीजीपी को पत्र लिखकर संबंधित पुलिस अधिकारियों से चल-अचल संपत्ति का ब्योरा अपलोड कराने को कहा था. गृहविभाग की ओर से भेजे गये पत्र में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि जो पदाधिकारी वांछित संपत्ति विवरण समर्पित नहीं करेंगे, उन्हें एक माह के अंदर कारण स्पष्ट करते हुए विवरणी समर्पित करने को निर्देशित किया जाएगा. अगर एक माह की अवधि में भी संपत्ति का ब्योरा समर्पित नहीं किया जाता है, तो संबंधित पदाधिकारी व कर्मी के विरुद्ध विधिवत आरोप-पत्र निर्गत करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाई जाएगी.