Bihar: बिहार के कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) देश के कई महानगरों से भी ज्यादा खराब है. यहां के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. इसके पीछे एक मुख्य कारण पराली का जलाना भी है. अब इसमें कमी लाने के लिए राज्य सरकार काफी सख्ती से कार्रवाई कर रही है. बिहार सरकार में कृषि मंत्री मंगल पांडे ने इस संबंध में घोषित नीति को दोहराते हुए चेतावनी दी है कि जो भी किसान पराली जलाता पाया जाएगा, उसे अगले तीन साल के लिए सरकारी योजनाओं के लाभ लेने से बैन कर दिया जाएगा.
क्या है नियम
बिहार सरकार द्वारा जारी नियम के मुताबिक राज्य में पराली जलाने पर किसानों का डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का रजिस्ट्रेशन तीन साल के लिए रद्द कर दिया जाता है. ऐसे किसानों को केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PMKSY) का पैसा मिलना भी तीन साल के लिए बंद हो जाता है. ऐसे किसानों के फसल को भी पैक्स नहीं खरीदता है. इसके अलावा किसानों की सहायता के लिए सरकार जो योजनाएं चलाती है, पराली जलाते हुए पाए जाने पर सभी योजनाओं से प्रतिबंधित कर दिया जाता है.
मंगल पांडे ने बताया खतरनाक
आज बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडे विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में मिट्टी की गुणवत्ता में लगातार कमी आ रही है और यह बेहद खतरनाक संकेत है. मंत्री ने किसानों से अपील की कि मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे इसे लेकर सचेत रहें. उर्वरक के बेतहाशा इस्तेमाल से भी मिट्टी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
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