बिहार : वायु प्रदूषण प्रबंधन के लिए जिलों में स्थापित होगा निगरानी स्टेशन, मिल सकती हैं हजारों नौकरियां

बिहार के शहरों में वायु प्रदूषण प्रबंधन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. जिससे अकेले बिहार में 20 से 40 हजार नौकरियों के सृजन की संभावना है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब नागरिकों को सूचित करने के लिए तीन दिन पहले वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान देना शुरू करेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2022 5:46 AM

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जल्द ही मौसम विज्ञान विभाग की मदद से वायु प्रदूषण का आकलन करने और इसके बारे में नागरिकों को सूचित करने के लिए तीन दिन पहले वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान देना शुरू करेगा. सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी द्वारा आयोजित ‘जलवायु के परिप्रेक्ष्य से वायु प्रदूषण पर विचार’ विषय पर चार दिवसीय कार्यक्रम इंडिया क्लीन एयर समिट, 2022 में बोलते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अशोक घोष ने यह घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि बीएसपीसीबी अगले एक साल में बिहार के प्रत्येक जिले में कम-से-कम एक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है.

20-30 प्रतिशत तक कम किया जाएगा वायु प्रदूषण

डॉ घोष ने आगे कहा कि दो प्रकार की सूचनाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए – एक नीति-निर्माण और दूसरी आम जनता के लिए. लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि वायु गुणवत्ता के रैंडम आंकड़े साझा करने से आम लोगों में घबराहट पैदा न हो. बिहार के तीन शहरों पटना, गया और मुजफ्फरपुर नन-अटेंमेंट सिटीज हैं. जनवरी 2019 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा घोषित राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत यहां पीएम2.5 प्रदूषण को 2017 की तुलना में 2024 तक 20-30 प्रतिशत तक कम करने के उद्देश्य से स्वच्छ वायु कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं.

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वायु प्रदूषण प्रबंधन में 20 से 40 हजार नौकरियों की संभावना

सेंटर फॉर एयर पॉल्यूशन स्टडीज की अध्यक्ष डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि राज्य के शहरों में एक मजबूत बुनियादी निगरानी ढांचे की स्थापना से उन शहरों के लिए बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी जो वायु प्रदूषण का सामना करते हैं. लेकिन अभी तक जिनकी पहचान नन-अटेंमेंट सिटीज के रूप में नहीं हुई है. कम लागत वाले सेंसर जैसे वैकल्पिक तरीकों का उपयोग अवश्य ही बुनियादी निगरानी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा. एनसीएपी के पहले चरण की निर्धारित समय सीमा नजदीक आने के कारण एनसीएपी 2.0 वायु प्रदूषण प्रबंधन कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे अकेले बिहार में 20 से 40 हजार नौकरियों के सृजन की संभावना है.

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