बिहार में जमीन विवाद अब कम हो सकेंगे. अगले महीने अप्रैल में अमीनों की तैनाती सभी अंचलों में की जायेगी. जिसके बाद लंबे समय से महसूस की जा रही अमीनों की कमी भी खत्म हो जायेगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हाल में बहाल किए 487 अमीनों को अब अंचलों में तैनात करने जा रहा है.
राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने 487 अमीनों की बहाली की है. जिन्हें अभी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इन अमीनों के सैद्धांतिक पत्र का प्रशिक्षण समाप्त हो चुका है. अप्रैल के पहले सप्ताह में ये अंचलों में अपना योगदान देंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने यह दावा किया है कि अमीनों की बहाली का असर भूमि विवादों की संख्या पर पड़ेगा. यानी अब भूमि विवाद कम होंगे. गौरतलब है कि अभी भूमि विवाद के मामले लगातार बढ़े हैं, इसकी एक वजह अमीनों की संख्या में बड़े स्तर की कमी मानी जाती है.
बिहार में वर्तमान हालात ऐसे हैं कि जमीन विवाद को लेकर अंचलों में रैयतों की कतार रहती है. अमीनों की संख्या कम रहने के कारण कुछ अमीनों को दो से अधिक अंचलों का प्रभार मिला हुआ है. जिसके कारण मापी के लिए रैयतों के पसीने छूटते हैं. महीनों बाद उनका नंबर आ पाता है. अब नये अमीनों को प्रशिक्षण देकर अंचलों का प्रभार दिया जायेगा, जिसके बाद इन समस्याओं से समाधान होगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नये नियुक्त किये गये अमीनों को पहले जिला बंदोबस्त पदाधिकारी के कार्यालय में तैनात किया जायेगा. सूबे में कुल 534 अंचल हैं. निजी अमीनों को मापी करने की मान्यता नहीं है. सरकारी अमीन के जरिये भूमि की मापी कराने वालों को अंचल में आवेदन देना होता है.
वहीं होली के बाद सरकार राज्य के करोड़ों लोगों को बड़ी सौगात देने जा रही है. लोगों को जमीन के दाखिल- खारिज के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय नहीं जाना होगा. आवेदन भी नहीं करना होगा. 31 मार्च से मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन की प्रक्रिया ऑटोमैटिक (स्वत:) शुरू हो जायेगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan