UPSC क्रैक करने वाले अनिल बसाक की ये टिप्स Aspirants करेंगे फॉलो, तो जरुर मिलेगी सिविल सर्विस एग्जाम में सफलता
Anil Basak UPSC Results Topper 2020: अनिल ने आगे बताया कि एग्जाम से लेकर रिजल्ट आने तक आत्मबल बनाएं रखें. यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को बेसिक की अच्छी तरह तैयारी करनी चाहिए. साथ ही उत्तर लिखने का अभ्यास करें. व्यक्तित्व विकास के लिए मॉक इंटरव्यू करें.
यूपीएससी के सिविल सर्विस रिजल्ट 2020 में बिहार के किशनगंज के अनिल बसाक को 45वां रैंक मिला है. रिजल्ट आने के बाद अनिल बसाक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरूजनों को देते हुए कहा कि सही रणनीति और सच्ची लगन के साथ परिश्रम किया जाय तो मंजिल पाना कठिन नहीं. असफलता से कभी हताश नहीं होना चाहिए. कभी-कभी सफलता देर मिलती है, पर प्रयास में कमी न आने दें.
अनिल ने आगे बताया कि एग्जाम से लेकर रिजल्ट आने तक आत्मबल बनाएं रखें. यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को बेसिक की अच्छी तरह तैयारी करनी चाहिए. साथ ही उत्तर लिखने का अभ्यास करें. व्यक्तित्व विकास के लिए मॉक इंटरव्यू करें. प्रत्येक दिन सात से आठ घंटे की नियमित तैयारी और अभ्यास करें. सफलता अवश्य मिलेगी. अनिल ने कहा कि गणित विषय को चुना था. सेल्फ स्टडी से ही उन्होंने यह सफलता अर्जित की है
जानकारी के मुताबिक अनिल बसाक (Anil Basak) चार भाईयों में दूसरे स्थान पर है. प्रतिकूल आर्थिक स्थिति के बावजूद अनिल ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता पायी है. पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी. दूसरी बार साल 2019 में उन्होंने फिर यूपीएससी की परीक्षा दी और 616 वां रैंक हासिल किया था. किंतु उनपर और बेहतर करने का जुनून सवार था.
अनिल बसाक ने बताया कि इनकमटैक्स कमिश्नर के पद पर चयनित होने के बाद वे विशेष अवकाश में रहकर यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा की तैयारी में पूरी लगन से जुटे थे. इसी का परिणाम है कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा 2020 में सामान्य कोटि में देश में 45 वां रैंक लाकर किशनगंज जिले का नाम रोशन किया है. आज लाखों युवाओं के लिए अनिल प्रेरणा बन चुके हैं.
बता दें कि अनिल की पढ़ाई कक्षा एक से आठवीं तक शहर के ऑरियेंटल पब्लिक स्कूल से ही आरंभ हुई. यहां वह हमेशा अपने वर्ग में अव्वल आता रहा. इसके बाद 10 वीं की पढ़ाई अररिया पब्लिक स्कूल अररिया से फिर 12वीं की पढ़ाई उसने शहर के बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, किशनगंज से की.12 वीं कक्षा में अनिल बाल मंदिर का स्कूल टॉपर भी रहा. जिन विद्यालयों में अनिल पहुंचा तो हर कक्षा में प्रथम हासिल करता रहा.
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खास यह है कि अनिल ने स्कूली और बोर्ड परीक्षा में 95 फीसद से कम अंक हासिल नहीं किया. फिर इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोटा चले गये जहां एक साल की तैयारी के बाद कठिन इंजीनियरिंग की परीक्षा पास किया और इनका दाखिला सिविल इंजीनियरिंग के लिए आईआईटी दिल्ली में हुआ वहां से ग्रेजुएट होने के बाद भी उसने नौकरी नहीं की और सिविल सर्विसेस की तैयारी में जुट गए. कुछ दिनों के लिए उन्होंने कोचिंग की, लेकिन सेल्फ स्टडी कर ही वो इस मुकाम तक पहुंचने में सफल रहे.