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बिहार में चौकीदार से उठक-बैठक कराने वाले कृषि पदाधिकारी निलंबित

बिहार के अररिया में चौकीदार से सड़क पर उठक बैठक कराने वाले कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया है. जांच के बाद कृषि विभाग ने अररिया के तात्कालिक जिला कृषि पदाधिकारी को चौकीदार गणेश लाल ततमा से उठक-बैठक कराने, महामारी में ड्यूटी पर तैनात चौकीदार धौंस जमाने, उससे माफी मंगवाने के लिए बाध्य करने का दोषी मानते हुए कार्रवाई की गयी है.

By Samir Kumar | April 28, 2020 9:25 PM

पटना : बिहार के अररिया में चौकीदार से सड़क पर उठक बैठक कराने वाले कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया है. जांच के बाद कृषि विभाग ने अररिया के तात्कालिक जिला कृषि पदाधिकारी को चौकीदार गणेश लाल ततमा से उठक-बैठक कराने, महामारी में ड्यूटी पर तैनात चौकीदार धौंस जमाने, उससे माफी मंगवाने के लिए बाध्य करने का दोषी मानते हुए कार्रवाई की गयी है.

कृषि पदाधिकारी निलंबन को अवधि में कृषि निदेशक, मुख्यालय में कार्यालय निर्धारित किया गया है. गौरतलब है कि जिला कृषि पदाधिकारी के खिलाफ कृषि विभाग की ओर से जांच की जा रही थी. इस दौरान उनका स्थानांतरण अपर कृषि निदेशक के कार्यालय में उप निदेशक, प्रशिक्षण कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था.

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कार्रवाई के बाद कृषि मंत्री डा प्रेम कुमार ने कहा कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को एक पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी का वीडियो प्राप्त हुआ था. जिसपर संज्ञान लेकर मैंने तुरन्त शोकॉज और जांच के आदेश दिये गये थे. जांच कार्य प्रभावित नहीं होने के लिए उनको वहां से हटा भी दिया गया था. हमलोग जांच रिर्पोट का इंतजार कर रहे थे. जांच रिपोर्ट आते ही मंगलवार को तत्काल अररिया के तात्कालिन जिला कृषि पदाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है.

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उन्होंने कहा कि कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. इस संक्रमण के काल में अपने परिवार और अपने जान की परवाह किये बिना नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर रहे प्रत्येक कर्मी चाहे वह छोटे पद पर हो या बड़े पद पर हो सबका सम्मान हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है. उन्होंने कहा कि हम विभाग के किसी भी पदाधिकारी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति आम जनता के मान-सम्मान के प्रति अपने सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना एवं अनुशासन का ख्याल नहीं करता है तो उसे बख्शा नहीं जायेगा. दुखद है कि कुछ लोग विभागीय कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं को समझे बिना राजनीति करते हैं.

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