पटना : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी के हालिया बयानों को लेकर सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि महागठबंधन कुनबे में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल, महागठबंधन में शामिल हम के प्रमुख जीतन राम मांझी ने राजद कोअल्टीमेटम दिया है और 25 जून तक को-ऑर्डिनेशन कमेटी पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.
सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटी गठित करने को लेकर महागठबंधन के सभी दल तैयार हैं. लेकिन, राजद की ओर से पहल नहीं की जा रही है. 22 जून तक कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से बात की जायेगी. इसके बाद बात बने या नहीं बने 25 जून के बाद हम अपने स्तर पर फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि तेजस्वी राजद के नेता हो सकते हैं, लेकिन महागठबंधन के नहीं.
जीतन राम मांझी ने कहा कि बेगूसराय हत्याकांड की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. इसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आरोपितों के समर्थन में पैरवी कर रहे हैं. इसमें उनकी भी भूमिका की जांच होनी चाहिए.
आरक्षण के सवाल पर मांझी ने कहा कि आरक्षण की मांग केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान क्यों कर रहे हैं? वो खुद सरकार में है और उनको 131 एससी, एसटी विधायकों के साथ बैठक कर आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने का दबाव बनाना चाहिए. हम के प्रमुख जीतन राम मांझी ने आरक्षण के मुद्दे पर रामविलास पासवान को फेल बताया.
मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार एक बेहतर मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उनके अधिकारी जमीन पर काम नहीं कर रहे हैं. मनरेगा व कोरेंटिन सेंटर में महाघोटाला हो रहा है. मांझी ने दावा किया कि अगर उनको समय मिलता तो उनके दस गुना अधिक काम कर के दिखाते.