बिहार में विधानसभा में आज होगा सरकार का फ्लोर टेस्ट, नीतीश कुमार पेश करेंगे विश्वास प्रस्ताव
बिहार विधानसभा का एक दिन का सत्र 24 अगस्त को बुलाया गया है. सत्ताधारी दल ने मौजूदा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस का संकल्प दे रखा है. इसकी 14 दिनों की मियाद मंगलवार को पूरी हो गयी.
बिहार विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को साफ कर दिया कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. अध्यक्ष ने सत्ताधारी दल की ओर से उनके खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को नियमानुकूल नहीं बताया. मंगलवार की शाम बिहार विधानसभा की दीर्घा कमेटी की बैठक के दौरान स्पीकर श्री सिन्हा ने इस्तीफे को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया.
विश्वास मत पर चर्चा
स्पीकर के तेवर से यह स्पष्ट हो गया कि बुधवार को एक दिवसीय सत्र के दौरान नयी सरकार के विश्वास का मत हासिल करने संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा की वह अनुमति देंगे और इस पर बहस होगी. स्पीकर से जब पूछा गया कि विधानसभा में बुधवार को क्या एजेंडा होगा, स्पीकर ने कहा सरकार का काम पहले होगा.
आज एक दिन का सत्र
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का एक दिन का सत्र 24 अगस्त को बुलाया गया है. सत्ताधारी दल ने मौजूदा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस का संकल्प दे रखा है. इसकी 14 दिनों की मियाद मंगलवार को पूरी हो गयी. सत्ता पक्ष ने कहा है कि जब आसन के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव आया है, तो सबसे पहले इस पर चर्चा होगी. ऐसे में सत्ताधारी दल और विपक्ष के बीच टकराव की नौबत आ सकती है.
मेरे लिए चुप रह जाना उचित नहीं
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दिनों में सत्ता को बचाए रखने के लिए जो कुछ भी हुआ, उस पर इस समय मेरा कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. लेकिन इस क्रम में विधायिका की प्रतिष्ठा पर जो प्रश्न खड़े किये गए हैं, उस पर चुप रह जाना भी मेरे लिए अनुचित होगा.
मैं इस्तीफा नहीं दूंगा
स्पीकर ने कहा कि आसन से बंधे होने के कारण संसदीय नियमों और प्रावधानों से असंगत नोटिस को अस्वीकृत करना मेरी स्वाभाविक जिम्मेदारी है. उसी जिम्मेदारी को निभाते हुए मुझे अविश्वास प्रस्ताव नियमानुकूल प्रतीत नहीं होता है. विजय सिन्हा ने कहा कि नोटिस में कुछ दुर्भाग्य पूर्ण और निराधार आरोप भी लगाये गये हैं, जो नितांत व्यक्तिगत स्तर के हैं. कुछ सदस्यों ने किसी ठोस तथ्य और तर्क के बिना मेरी कार्यशैली को अलोकतांत्रिक और तानाशाह जैसा बताया गया है, उसे लोकतांत्रिक गरिमा के प्रतिकूल कहा गया है.
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इन तथ्यहीन आरोपों के बीच यदि मैं त्यागपत्र देता हूं, तो यह न केवल व्यक्तिगत निष्ठा और आत्मसम्मान के विरूद्ध होगा, बल्कि संसदीय परंपरा पर किये गए आक्षेप पर चुप रह जाने वाली बात भी होगी. अतः मैं बिहार विधान सभा अध्यक्ष के रूप में मेरे विरूद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का प्रतिकार करते हुए इस्तीफा नहीं दूंगा.
सदन में रखेंगे अपनी बात
स्पीकर ने कहा कि सदन में वह बिना किसी द्वंद्व या भय के अपनी बात रखूंगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल यही कह सकता हूं कि दांव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते, टूट सकते हैं, मगर हम झुक नहीं सकते.