बिहार में बालू के अवैध खनन का मामला गरमाया हुआ है. राजधानी पटना समेत कई जिलों में बालू का अवैध खनन और ढूलाई हो रहा है. जिसका खुलासा होने के बाद सरकार कड़े फैसले लेना भी शुरू कर चुकी है. इस खेल में परिवहन विभाग और पुलिस दोनों की भूमिका सामने आयी है. NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने जुलाई से सितंबर तक प्रदेश के किसी भी नदी से बालू के खनन पर रोक लगायी गयी है. लेकिन इसके बाद भी अवैध खनन और ढूलाई का खेल नहीं थमा और इसमें लिप्त व लापरवाह कई अधिकारियों व सरकारी कर्मियों पर कार्रवाई के तहत गाज भी गिरी है.
बालू के अवैध खेल को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. जिसमें परिवहन और खनन विभाग के अफसर की भी संलिप्तता पाई गई. जांच रिपोर्ट के आधार पर अवैध बालू की ढू्लाई में मोटरयान निरीक्षक (एमवीआई) और डीटीओ पर भी गाज गिरी है. कार्रवाई के तहत इन्हें पद से हटाया गया है. लेकिन इस दौरान जांच में जो हकीकत सामने आयी है वो चिंताजनक है और केवल एक दो अधिकारियों को पद से हटाने मात्र की कार्रवाई इस मकड़जाल को सुलझाने में पर्याप्त नहीं लग रही है.
दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान के अनुसार, ईओयू को जांच के दौरान एक ऐसा ऑडियो क्लिप हाथ लगा है जिससे यह साबित हो जाता है कि बालू के अवैध खनन में परिवहन विभाग की सीधी भूमिका है. इस ऑडियो में परिवहन विभाग के अधिकारी दूसरे विभाग के कर्मियों से तालमेल बनाते पाये गये. इसमें वो पैसे की डील भी करते सुनायी दे रहे हैं. जिन कर्मियों पर हाल में कार्रवाई की गयी है, उनपर कार्रवाई के दौरान इस ऑडियो को भी आधार बनाया गया.
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ईओयू की जांच में खुलासा हुआ कि परिवहन विभाग के कर्मी बालू के अवैध ढूलाई वाले वाहन को गलत तरीके से पास कराते हैं. दैनिक समाचार पत्र हिंदुस्तान के अनुसार, मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि बालू लेकर निकलने वाली सभी गाड़ियों की जांच की जानी होती है लेकिन परिवहन विभाग के कर्मी गलत तरीके से बालू गाड़ी पास कराने के लिए पैसे लेकर उन्हें अलग समय दे देते हैं, जिस दौरान गाड़ियों को पास कराया जाता है. इसके लिए ट्रक व ट्रैक्टरों के रकम भी तय कर दिये जाते हैं.
बता दें कि बालू को अवैध तरीके से ढोने पर परिवहन विभाग ही नकेल कसता है. रोक लगाने की जिम्मेदारी कई स्तर पर है लेकिन इसके मुखिया डीटीओ ही होते हैं. इसके अलावा मोटरयान निरीक्षक (एमवीआई) को भी निगरानी रखनी होती है. वहीं विभाग के चलंत दस्ता को भी इसपर नजर रखनी होती है. लेकिन पटना समेत बिहार के कई ऐसे जिले हैं जहां विभाग के वरीय अधिकारियों और कर्मियों की लिप्तता के कारण बालू के अवैध कारोबार का खेल चल रहा है. जिससे विभाग के भ्रष्ट कर्मी अपना जेब मजबूत करते हैं और सराकरी राजस्व को चूना लगाते हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan