Bihar bhumi adhigrahan: जमीन अधिग्रहण के बाद रैयतों को कब मिलेगा पैसा, पढ़िए क्या है अपडेट

जमीन सर्वे एक जटिल प्रक्रिया है. इसके तहत आ रही समस्याओं के समाधान के लिये विभाग द्वारा समय- समय पर अलग अलग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं.

By RajeshKumar Ojha | October 17, 2024 8:20 PM
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Bihar bhumi adhigrahan जमीन अधिग्रहण के बाद रैयतों को पूरे मुआवजे का भुगतान अविलंब किया जायेगा. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी भू-अर्जन पदाधिकारियों (डीएलएओ) को निर्देश दिया है. उन्होंने भू-अर्जन पदाधिकारियों से पूछा है कि यदि बाजार मूल्य दर की प्रक्रिया का पूर्ण पालन हो रहा है तो समस्या क्यों आ रही है? अधिकारियों ने बताया है कि खतियान काफी पुराने हैं. खतियान में कई जमीन तो कृषि कैटेगरी में चिह्नित है, लेकिन अब उनका निबंधन और उपयोग आवासीय जमीन के रूप में हो रहा है.

ऐसे में भुगतान दर के निर्धारण में समस्या आ रही है. इस समस्या को दूर करने की कार्रवाई का अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया. वे गुरुवार को जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जमीन सर्वे में आ रही दिक्कतों को दूर करने की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा ट्रेनिंग दी गई.कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अपर मुख्य सचिव ने सभी भू अर्जन पदाधिकारियों ( डीएलएओ) से कहा कि भू-अर्जन का कार्य आप बस कॉमन सेंस से नहीं कर सकते.

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इसके लिए अधिनियम और प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि भू-अर्जन की प्रक्रिया में 1894 और 2013 के अधिनियम का पूर्णतः पालन करें. साथ ही इस प्रक्रिया को नियत समयसीमा के अंदर पूरा करना सुनिश्चित करें. उन्होंने रैयतों को मिल रहे मुआवजे का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सभी पदाधिकारी सुनिश्चित करें कि रैयतों को मुआवजे का पूर्ण भुगतान किया जाये. अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएलएओ को सूचित करते हुए कहा कि आपके लिए अगर कोई रैयत छूट गया हो, वो बस एक नंबर हो सकता है. वहीं उस रैयत के लिए यह मुआवजा काफी महत्वपूर्ण है.

रिकॉर्ड मेंटेन रखने का निर्देश

अपर मुख्य सचिव ने रैयतों का पूर्ण भुगतान सुनिश्चित कराते हुए इसका रिकॉर्ड मेंटेन करने का उन्होंने डीएलएओ को निर्देश दिया. साथ ही कहा कि रिकॉर्ड ठीक रहने पर पुराने और नये अभिलेखों को ढूंढने में परेशानी नहीं होगी. साथ ही उन्होंने डीएलएओ से कहा कि भू-अर्जन में आ रही छोटी- मोटी दिक्कतों का निष्पादन अपने स्तर से सुनिश्चित करें. प्रायः यह देखा गया है कि अधिकारी अपने स्तर से सुलझाये जा सकने वाले केस को भी भू-अर्जन पुनर्वासन व व्यवस्थापन प्राधिकार (लारा कोर्ट) में रेफर कर देते हैं. इससे लारा कोर्ट में पेंडिंग केस काफी बढ़ गये हैं.

जमीन सर्वे जटिल प्रक्रिया, लगातार हो रहा प्रशिक्षण

इस दौरान विभाग के सचिव जय सिंह ने बताया कि जमीन सर्वे एक जटिल प्रक्रिया है. इसके तहत आ रही समस्याओं के समाधान के लिये विभाग द्वारा समय- समय पर अलग अलग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. अतिरिक्त जानकारी के लिये आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाए रहेंगे. इस प्रशिक्षण में राज्य के जिला भू-अर्जन और अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों ने भाग लिया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में निदेशक भू अर्जन कमलेश कुमार सिंह, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे प्रियदर्शिनी सहित भू अर्जन सहायक निदेशक आजीव वत्सराज और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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