पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक परीक्षा-2020 का परीक्षा परिणाम आने के बाद राजधानी पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर जैसे बड़े शहरों के छात्रों को काफी निराशा हुई है. बड़े शहरों के एक भी छात्र टॉप 10 के 41 छात्रों में स्थान नहीं बना पाये हैं. वहीं, बिहार के 19 जिलों के 41 छात्र टॉप 10 में शामिल हैं.
बिहार बोर्ड का परीक्षा परिणाम आने के बाद छोटे शहरों के छात्रों में काफी उत्साह है. रोहतास, समस्तीपुर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल, लखीसराय, अररिया, सहरसा, सीतामढ़ी, जमुई, बेगूसराय, मधुबनी, पूर्णिया, बांका, जहानाबाद, पूर्वी चंपारण, कैमूर, गया और सिवान जिले के 41 छात्रों ने टॉप टेन पर कब्जा जमाया है. इस बार के परीक्षा परिणाम की सबसे बड़ी खासियत है कि सफल हुए अधिकतर छात्र-छात्राएं कम या बिना संसाधन वाले स्कूलों से निकल कर टॉप 10 की सूची में स्थान बनाने में कामयाब हुए हैं. जिले के गांवों और पंचायतों में बिना संसाधन वाले हाईस्कूलों ने मैट्रिक परीक्षा 2020 के परिणाम में शानदार प्रदर्शन किया. वहीं, आलीशान बिल्डिंग, फुल स्ट्रेंथ शिक्षक, लैब, पुस्तकालय और अन्य संसाधनों वाले स्कूलों के टॉपर्स इस टॉप टेन की सूची में शामिल नहीं हो सके हैं.
पिछले कुछ वर्षों से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में जमुई जिला स्थित सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्रों का काफी दबदबा रहता था. पिछले साल 2019 में टॉप टेन में सिमुलतला आवासीय विद्यालय के 16 छात्र काबिज हुए थे. मालूम हो कि पिछले साल टॉप टेन में मात्र 18 छात्र शामिल थे. वहीं, इस साल 2020 में सातवें, आठवें और दसवें स्थान पर ही सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्र अपनी जगह बना पाने में कामयाब हुए हैं.