Bihar Board BSEB 10th Result 2020 : जानिए देश की तरक्की में किस तरह अपना योगदान देना चाहते हैं बिहार बोर्ड के टॉपर्स
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक (10वीं) परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया गया. इस बार मैट्रिक परीक्षा में कुल 80.59% परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए. यह पिछले साल की तुलना में 0.14 प्रतिशत कम है. वहीं, 96.20 प्रतिशत (482) अंक हासिल कर जनता हाई स्कूल तेनुअज, रोहतास के हिमांशु राज बिहार बोर्ड के टॉपर बने. जबकि, 480 अंक पाकर समस्तीपुर के दुर्गेश कुमार दूसरे स्थान पर और 478 अंक प्राप्त कर अरवल की जूली कुमारी, औरंगाबाद के राजवीर और भोजपुर के शुभम संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे.
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की मैट्रिक (10वीं) परीक्षा का रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया गया. इस बार मैट्रिक परीक्षा में कुल 80.59% परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए. यह पिछले साल की तुलना में 0.14 प्रतिशत कम है. वहीं, 96.20 प्रतिशत (482) अंक हासिल कर जनता हाई स्कूल तेनुअज, रोहतास के हिमांशु राज बिहार बोर्ड के टॉपर बने. जबकि, 480 अंक पाकर समस्तीपुर के दुर्गेश कुमार दूसरे स्थान पर और 478 अंक प्राप्त कर अरवल की जूली कुमारी, औरंगाबाद के राजवीर और भोजपुर के शुभम संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे. मैट्रिक की टॉपर लिस्ट में इस बार टॉप टेन में 41 छात्र-छात्राएं शामिल हुए. इनमें लड़कों की संख्या 31, जबकि लड़कियों की संख्या मात्र 10 रही. विस्तार से जानिए बिहार बोर्ड के टॉपर्स किस तरह से आगे जाकर देश की सेवा में अपना योगदाना देना चाहते हैं.
रोहतास के हिमांशु राज मैट्रिक टॉपर, किसान का बेटा बनना चाहता है साफ्टवेयर इंजीनियररोहतास जिला का छात्र हिमांशु राज इस साल बिहार बोर्ड का टॉपर रहा. हिमांशु राज रोहतास के दिनारा प्रखंड के तेनुअज पंचायत के नटवार कला गांव वार्ड नं 10 का निवासी है. हिमांशु के पिता एक साधारण किसान हैं और मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. छात्र हिमांशु ने बताया कि उसे पूरा भरोसा था कि वह टॉप 10 में अपनी जगह बना चुका है, लेकिन उसे यह विश्वास नहीं था कि वह बिहार टॉपर बन जाएगा. हिमांशु ने बताया कि वह आगे चलकर साफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है. उसे फिजिक्स विषय में काफी दिलचस्पी है.
वहीं, हिमांशु के पिता ने भावुक होकर बताया कि उनके जीवन में काफी सारे दर्द रहे, लेकिन बेटे की उपलब्धि ने आज हर दर्द को खुशी में बदल दिया. उन्होंने बताया कि वो मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं. साथ ही कुछ बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ा लेते है. गांव के ही जनता हाई स्कूल में हिमांशु का नाम लिखा दिया था. अब बेटा बिहार का टॉपर बन गया है. बता दें कि हिमांशु राज ने कुल 481 यानी 96.20 फीसदी अंक प्राप्त कर पूरे बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
तीसरा टॉपर बने शुभम ने कहा, वायु सेना में पदाधिकारी बनकर करना चाहते है देश की सेवाभोजपुर का शुभम कुमार मैट्रिक की परीक्षा में बिहार में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई करनेवाले शुभम को मैट्रिक की परीक्षा में 478 अंक मिले हैं. सफलता का श्रेय उसने माता-पिता और शिक्षकों को दिया. शहर के आरण्य देवी के पास के रहनेवाले शुभम ने थर्ड टॉपर बनकर जहां भोजपुर जिले का नाम रोशन किया. वहीं, अपने विद्यालय को भी गौरवान्वित किया. हरखेन कुमार जैन ज्ञानस्थली में उसने शुरू से ही पढ़ाई की है व वर्ग में हमेशा अव्वल आता था. उसने बताया कि वायु सेना में पदाधिकारी बनकर देश की सेवा करना मेरा प्रथम लक्ष्य है.
छठे स्थान पर अंशुमान की बनी पहचान, कहा- चिकित्सक बन करेंगे लोगों की सेवादिल्ली के एक फैक्ट्री में तकरीबन एक दशक तक मजदूरी करने के बाद नियोजित शिक्षक बने सोनबरसा प्रखंड अंतर्गत मधेसरा गांव निवासी भुपेंद्र ठाकुर की चाहत ने उनके पुत्र अंशुमन कुमार की रातों-रात पहचान बदल दी है. मैट्रिक (बिहार बोर्ड) की परीक्षा में अंशुमन स्टेट टॉपर के क्रम संख्या में छठे स्थान पर है. इसके साथ-साथ उसे सीतामढ़ी जिला टॉपर की उपाधि भी मिली है. अंशुमन ने अपनी सफलता से अपने पैतृक गांव मधेसरा, जागेश्वर स्कूल भुतही व जिलावासियों को भी गौरवान्वित किया है. अंशुमन अपनी सफलता का श्रेय पिता, गृहिणी माता संजु देवी व गुरुओं को देता है. जिनके मार्गदर्शन में वह सफलता की सीढ़ी चढ़ सका.
अंशुमान कहता है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी अगर मेघावी हो तो सफलता मिलना तय है. सिर्फ सेल्फ स्टडी व मार्गदर्शन की आवश्यकता है. अंशुमन बताता है कि उसके प्रखंड क्षेत्र में चिकित्सा की समुचित व्यवस्था नहीं है. जिसकी पीड़ा वह नजदीक से देखता आ रहा है. वह अपनी सफलता से उत्साहित है. वह मेडिकल की तैयारी कर चिकित्सक बनना चाहता है. ताकि अपने प्रखंड क्षेत्र में वह लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा दे सके.
हालांकि, साइंस लेकर पढ़ने के लिए उसे दूसरे जिला या प्रदेश में जाना होगा. जिसके लिए उसके पिता को आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ेगा. अगर जिलास्तर पर कॉलेजों में शिक्षा की समुचित व्यवस्था होती तो कमजोर परिवार के बच्चों को पढ़ने के लिए आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता.
शुभम ने हासिल किया 10वां स्थान, उच्च शिक्षा के बाद यूपीएससी परीक्षा की करेंगे तैयारीमैट्रिक के परीक्षा परिणाम में रोसड़ा अनुमंडल क्षेत्र के हाई स्कूल लगमा के छात्र शुभम प्रकाश ने सफलता का परचम लहराते हुए टॉप टेन में 10वां स्थान प्राप्त किया है. उन्हें कुल 471 अंक मिला है. शुभम प्रखंड के लगमा गांव निवासी रामाकांत यादव के एकमात्र पुत्र शुभम बचपन से ही प्रतिभाशाली हैं. शुभम ने बताया कि वह आगे की पढ़ाई एवं उच्च शिक्षा ग्रहण कर यूपीएससी की तैयारी कर देश सेवा करना चाहते हैं.
शुभम के पिता बताते हैं कि उनका पुत्र शुभम अपनी सात बहनों के बीच एकमात्र भाई है. शुभम का प्राथमिक शिक्षा निकट के ही खरैया के रविशंकर पब्लिक स्कूल में हुई. उसके बाद नौवीं व दसवीं की पढ़ाई के लिए उच्च विद्यालय लगमा में दाखिला लिया. वहां भी नवमीं के बाद उसका रोल नंबर एक था. शुभम के माता उर्मिला देवी, पिता रामाकांत यादव एवं बहन ज्योति, छोटी, रश्मि आदि ने खुशी जाहिर की है.
छठे स्थान पर आयी कोसी की बेटी, भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती है स्तुतिसहरसा जिले के कहरा प्रखंड के चैनपुर गांव निवासी शिक्षिका रूबी कुमारी और आशुतोष चंद्र मिश्रा की पुत्री स्तुति कुमारी ने मंगलवार को बिहार बोर्ड द्वारा जारी मैट्रिक परीक्षा परिणाम में 475 अंक लाकर पूरे प्रदेश में छठा स्थान प्राप्त कर अपने परिवार सहित गांव का नाम रौशन कर दिया. एक मध्यम वर्गीय परिवार में रहते और गांव की ही पढ़ाई पर निर्भर रहने वाली स्तुति कुमारी ने अपनी लगन और मेहनत से यह स्थान हासिल किया है. जो क्षेत्र के गरीब और मध्यम परिवार के बच्चों के लिए एक प्रेरणा है. वर्ग 1 से 8 तक अपने ही गांव के शशिकला मध्य विद्यालय में पढ़ने के बाद स्तुति ने स्थानीय चैनपुर पड़री कन्या उच्च विद्यालय में पढ़ाई करते हुए मैट्रिक की परीक्षा दी थी.
स्तुति कुमारी ने बताया कि होम ट्यूशन के अलावे अपने परिवार, स्कूल के शिक्षक एवं परिजनों के सहयोग के कारण यह सफलता मुझे मिली है. हमारी मेहनत की सफलता मिलने पर मुझे हार्दिक खुशी है. जो आगे भी मुझे मेहनत कर आगे बढ़ने में मददगार होगी. स्तुति ने अपना लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने को बताया. स्तुति दो बहन और एक भाई में सबसे बड़ी है. उसकी सफलता उसके भाई व बहनों को भी प्रेरणा स्रोत होगा. वहीं एक शिक्षिका और दिल्ली में रहकर एक प्राइवेट नौकरी करने वाली की पुत्री को इस तरह मिली सफलता को लेकर क्षेत्र के लोगों ने एक प्रेरणा बन स्तुति को शिक्षा क्षेत्र में आगे भी सफलता प्राप्त करने की शुभकामना दी है.
दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले दुर्गेश इंजीनियर बन करना चाहते है देश की सेवामैट्रिक परीक्षा में 480 अंक लाकर सूबे में दूसरा स्थान प्राप्त करने एवं जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाला उजियारपुर प्रखंड के मालती पंचायत निवासी जय किशोर सिंह व माता फूल कुमारी देवी का पुत्र दुर्गेश कुमार आगे आइआइटी की पढ़ाई कर एक कुशल इंजीनियर बन कर देश कि सेवा करना चाहता है. गरीब किसान परिवार से होने के बाद भी दुर्गेश ने बताया कि उसे पढ़ने की प्रेरणा अपने माता-पिता से मिला.
दुर्गेश ने प्रारंभिक पढ़ाई उत्क्रमित मध्य विद्यालय बदौलिया से की है. मेधावी छात्र के पिता ने बताया कि बचपन से ही उसके पढ़ने की ललक ने उनका हौसला बढ़ाया. उसने आगे की पढ़ाई के लिए समस्तीपुर प्रखंड के श्री कृष्ण हाई स्कूल जितवारपुर में 9वीं कक्षा में नामांकन लेकर तैयारी शुरु की. दुर्गेश अनुज छात्रों के लिए कहा कि आज छात्रों को किसी एक अच्छे व्यक्ति के संपर्क में रहकर अच्छे शिक्षक के मार्गदर्शन करते हुए स्कूल की पढ़ाई पूरा कर समय निकालकर एक्स्ट्रा पढ़ाई कर ही कुछ प्राप्त किया जा सकता है.
टॉप टेन में साक्षी को मिला 9वां स्थान, बनना चाहती है वैज्ञानिकमैट्रिक के बिहार बोर्ड द्वारा जारी नतीजों में बिथान प्रखंड की साक्षी ने 472 अंक लाकर टॉप टेन में 9वें स्थान हासिल किया है. साक्षी मूल रूप से बिथान प्रखंड के सोहमा गांव की रहने वाली है. उसके पिता बरुण कुमार वरुण राजस्थान के कोटा में मजदूरी करते हैं, जबकि माता अंजनी देवी गृहिणी हैं. साक्षी ने मैट्रिक तक राजकीय उच्च विद्यालय सोहमा से शिक्षा ली. चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर है. सफलता का श्रेय साक्षी ने अपने माता-पिता एवं शिक्षकों को दिया हैं. साक्षी वैज्ञानिक बनकर राष्ट्र की सेवा करना चाहती हैं. वहीं, साक्षी के माता-पिता अपनी बेटी की इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं.
सन्नू ने हासिल किया चौथा स्थान, आगे पढ़ाई कर आइएएस बनने की तमन्नालखीसराय जिला के मेदनीचौकी क्षेत्र के प्लस टू उच्च विद्यालय अमरपुर के छात्र सह खावा गांव निवासी शंभु कुमार के पुत्र सन्नू कुमार ने बिहार स्तर पर चौथा स्थान प्राप्त कर न सिर्फ अपने परिवार व गांव का नाम रोशन किया बल्कि लखीसराय जिला का भी नाम रोशन किया है. जिससे उसके परिवार व गांव के लोगों के साथ साथ उसके विद्यालय परिवार और पूरा जिला गौरवान्वित है. सोनू कुमार रोल कोड-23005, रोल नंबर- 2000463 में 477 अंक प्राप्त कर बिहार में चौथा स्थान पाया है.
सन्नू कुमार ने प्रभात खबर टीम को बताया कि मेरे पिता मजदूरी करते हैं और मां गृहणी है तथा पिता को मजदूरी मे भी हाथ बंटाती है. सन्नू ने कहा उसकी सफलता के पीछे मेरे माता-पिता के मेहनत और शिक्षकों का योगदान रहा है. सन्नू आगे सिविल सेवा में जाने की इच्छा जाहिर की. उनके अंदर समाज सेवा की भावना है. सिविल सेवा में इसका अच्छा अवसर मिलेगा.
पिता शंभु कुमार ने बताया कि मजदूरी करके सन्नू को जहां तक होगा पढ़ायेंगे. वहीं उन्होंने सन्नू के पढ़ाई में सरकार से भी मदद करने की बात कही. माता पंचा देवी ने भी बेटे के सफलता पर खुशी जाहिर की तथा हर संभव आगे पढ़ाई जारी रखने की बात कही. वहीं सन्नू ने अपने सहपाठियों को संदेश में कहा की सेल्फ स्टडी पर ध्यान दें. सेल्फ स्टडी से जितना प्रश्न होता है, डिल हो जाता है और सही सही होता है. इसलिए सेल्फ स्टडी से रिजल्ट अच्छा होगा.
मैट्रिक परीक्षा में 10वां स्थान लाने वाली मधुमाला बनना चाहती है आइएएसगया में नक्सल प्रभावित डुमरिया प्रखंड क्षेत्र स्थित किसान उच्च विद्यालय नंदई देवचंदडीह की छात्रा मधुमाला कुमारी ने टांप टेन में जगह बनाकर न सिर्फ डुमरिया की बल्कि गया जिला का नाम रौशन की है. डुमरिया प्रखंड क्षेत्र के सोनपुरा गांव के रहने वाली मधुमाला के पिता उदय प्रसाद दांगी एक गरीब किसान हैं. लेकिन, कभी भी बेटी बेटा में फर्क नहीं किया. मधुमाला कुमारी का टैलेंट रहने का निखार पहले से ही है. इसने शिवनन्दन सिंह स्मृति सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता परीक्षा में पिछले चार वर्षों से टांप का पुरस्कार चार साइकिलें अपने नाम करते आ रही है.
इसी तरह शिक्षा महायज्ञ सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता परीक्षा में भी टांप करते रही है. इसके इस शानदार सफलता पर अखिल भारतीय दांगी क्षत्रिय संघ डुमरिया के प्रखंड अध्यक्ष मिथिलेश सिंह दांगी, पूर्व प्रमुख और किसान उच्च विद्यालय नंदनई देवचंदडीह के अध्यक्ष रामचंद्र सिंह और शिक्षक संतोष कुमार दांगी ने बधाई दी है. मधुमाला से पूछने पर बताया कि वह आईएएस बनना चाहती है. मैं आगे की पढ़ाई आईएएस की लक्ष्य लेकर करुंगी. लोगों ने उसकी इच्छा पूरी होने की शुभकामनाएं दी है.
आदित्य ने हासिल किया आठवां रैंक, भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैबांका जिले के नक्सल प्रभावित बेलहर प्रखंड क्षेत्र के मंझली मटियानी गांव के छात्र आदित्य राज ने बिहार मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा में 8वां रैंक लागकर जिले का नाम रौशन किया है. बेलहर के अवध बिहारी पंडित हाई स्कूल के छात्र आदित्य राज ने 473 अंक लाया है. इनकी इस सफलता पर छात्र के माता-पिता सहित पूरे परिवारजनों के बीच खुशी का माहौल व्याप्त है. टॉपर आदित्य ने बताया है कि झारखंड के धनबाद में नाना के घर रहकर प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की है. इनके नाना धनबाद कोल्ड फिल्ड में कार्यरत थे. आगे वह आईएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते है. जिसके लिए अभी से ही प्रयत्नशील है.
अपनी सफलता का श्रेय छात्र ने अपने माता-पिता व परिवारजनों के साथ स्कूल के प्राचार्य अशोक पंडित व गणित के शिक्षक शंकर कुमार सहित प्लेटफार्म कोचिंग सेंटर के शिक्षकों को दी है. टॉपर ने अपने संदेश में कहा है कि छात्रों को रोजाना 12-13 घंटा अध्ययन करना जरुरी है. अच्छे शिक्षक का सहयोग मिल जाये तो कोई भी सफलता हासिल की जा सकती है. शिक्षक एवं अभिभावक के अनुशासन के बलबूते बड़ी से बड़ी सफलता अर्जित की जा सकती है. उधर जिलाधिकारी सुहर्ष भगत एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन ने सहित पूरे शिक्षा महकामा ने टॉपर छात्र को उनकी सफलता के लिए बधाई दी है.
हेमंत राज को मिला आठवां स्थान, डॉक्टर बन कर देश की करना चाहते है सेवाबिहार बोर्ड की परीक्षा में जहानाबाद जिले में स्थित हुलासगंज स्कूल के छात्र हेमंत राज ने आठवां स्थान प्राप्त करके स्कूल के साथ-साथ अपने गांव सूरजपुर का नाम जहां रोशन किया है. वहीं, हेमंत ने अपने पिता जो वर्तमान में शिक्षक हैं तथा माता आंगनवाड़ी सेविका बबली कुमारी को आज खुश होने का अवसर दिया है. अपने सफलता के प्रति आश्वस्त हेमंत राज ने बताया कि मुझे यह उम्मीद था की हर हाल में 90% से अधिक नंबर आएगा और यह उम्मीद विश्वास में पिछले मंगलवार को ही हो गया. जब बोर्ड द्वारा कुछ प्रशन पूछा गया था.
अपनी सफलता के पीछे पिता अरुण कुमार के सहयोग को ही श्रेय मानते हुए हेमंत ने बताया कि भाई में अकेले होने के कारण मुझे पिता अरुण कुमार जो शिक्षक है तथा माता बबली कुमारी आंगनबाड़ी सेविका ममता प्यार और दुलार तो मिला ही, साथ ही बेहतर सहयोग एवं परामर्श मिला. 472अंक लाकर आठवां स्थान प्राप्त करने पर आसपास के लोगों के आने का तांता घर पर लगा था. जब हेमंत राज्य से आगे की पढ़ाई एवं लक्ष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हुलासगंज इंटर कॉलेज में एडमिशन लेकर मेडिकल की तैयारी करूंगा. मेडिकल ही मेरा मुख्य लक्ष्य है.
Also Read: बिहार में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, एक नजर में जानिए पूरी प्रक्रियावहीं अरुण कुमार ने बताया कि शिक्षक होने के नाते इसके प्रतिभा देखकर मैं खुद विशेष रुप से पढ़ाई पर ध्यान रखता था. मेरा परिश्रम का ही फल है. लोगों ने बताया कि अरुण कुमार गांव के छात्रों को फ्री में पढ़ाते हैं. वही हेमंतराज के बाबा रमन सिंह ने बीती समय को याद कर भावुक होकर बताया कि बहुत गरीबी से पढ़ा लिखा कर यहां पर पहुंचाया. आज हेमंतराज ने आठवां स्थान लाकर गांव एवं जिला का नाम रौशन किया है. मुझे बहुत खुशी हुई और भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आगे भी ऐसा ही करता रहे ऐसा ही करता रहे.
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