बिहार : फर्जी कॉल से मैट्रिक परीक्षार्थी परेशान, पास कराने का झांसा देकर ठग रहे हैं जालसाज

मैट्रिक की परीक्षा दे चुके छात्रों को कुछ अंक से फेल होने की फर्जी सूचना दी जा रही है. नंबर बढ़ा कर अच्छे रिजल्ट और फर्स्ट डिविजन दिलाने के नाम पर छात्रों और अभिभावकों से फोन कर रुपये मांगे जा रहे हैं. तेजी से यह मामला सामने आ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 14, 2020 8:22 AM

पटना : मैट्रिक की परीक्षा दे चुके छात्रों को कुछ अंक से फेल होने की फर्जी सूचना दी जा रही है. नंबर बढ़ा कर अच्छे रिजल्ट और फर्स्ट डिविजन दिलाने के नाम पर छात्रों और अभिभावकों से फोन कर रुपये मांगे जा रहे हैं. तेजी से यह मामला सामने आ रहा है.

खुद को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का कर्मचारी बताने वाला शख्स ऐसे छात्रों या उसके अभिभावकों को मोबाइल नंबर 7484905438 से फोन कर बात करता है. फिर स्टूडेंट्स व अभिभावकों को कहता है कि छात्र पांच नंबर से फेल है. संस्कृत में कम अंक हैं. अगर अंक या फर्स्ट डिविजन लायक नंबर चाहिए, तो तीन हजार देने होंगे. इसके साथ ही वह अभिभावक के नंबर पर अपना एसबीआइ का खाता संख्या 38511576164 तथा आइएफएससी कोड : SBIN0001215 देते हुए फर्स्ट डिवीजन के लिये तीन हजार रुपये भेजने को कहता है. बोर्ड के नाम से फर्जी कॉल करने वाला अपना नाम संजय शर्मा बताता है. मधेपुरा जिले के छात्र सौरभ ने इस बार मैट्रिक की परीक्षा दी है. उन्होंने कहा कि फोन कर संजय शर्मा नामक व्यक्ति कहता है कि आपको फर्स्ट डिविजन का अंक है, लेकिन संस्कृत में पांच नंबर से फेल हैं. तीन हजार रुपये देने पर आपका नंबर बढ़ जायेगा. काफी परेशान किया. डर भी लगा, तो मैंने 2100 रुपये उसके एकाउंट में भेज दिया. रुपये भेजने के बाद बता चला कि यह फर्जी कॉल थी.

बता दें कि कोरोनावायरस (Coronavirus) की वजह से 10वीं क्लास की आंसर शीट्स जांचने की प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गई थी. लेकिन अब 6 मई से 10वीं की कॉपियां जांचने की प्रक्रिया दोबारा से शुरू कर दी गई है. बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) का कहना है कि कॉपियां जांचने की प्रक्रिया एक सप्ताह में समाप्त हो जाएगी. इसके मद्देजनर बिहार बोर्ड का 10वीं क्लास का रिजल्ट मई के बीच में ही जारी किया जा सकता है.

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