Bihar: रूढ़ियों को तोड़ बेटियों ने थामा कैमरा, अब फोटोग्राफी में दिखा रही बेहतर परफेक्शन
Bihar: ‘स्टोरी ऑफ द डे’ में आज ऐसी ही बेटियों से परिचय करवा रहे हैं, जिन्होंने रूढ़ियों को तोड़ फोटोग्राफी में अपना करियर बनाया है. शुरुआत में जब इन महिला फोटोग्राफरों ने कैमरा थामा, तो कई लोग हैरत भरी निगाहों से देखते थे. पर आज वह बेस्ट फोटोग्राफर बन चुकी हैं.
Bihar: जूही स्मिता,पटना. फोटोग्राफी का क्षेत्र आज महिलाओं से अछूता नहीं है. शहर की कई बेटियों ने फोटोग्राफी को बतौर करियर अपनाकर समाज की पुरुषवादी मानसिकता पर तीखा प्रहार किया है. कई महिलाएं प्रकृति से लेकर वेडिंग, वाइल्ड लाइफ, फैशन, प्रेस समेत तमाम फ्रेम को लेंस से तस्वीरें उतार रही हैं. शुरुआत में जब इन महिला फोटोग्राफरों ने कैमरा थामा, तो कई लोग हैरत भरी निगाहों से देखते थे. पर इन्होंने हौसला नहीं खोया और आज वह बेस्ट फोटोग्राफर बन चुकी हैं. ‘स्टोरी ऑफ द डे’ में आज ऐसी ही बेटियों से परिचय करवा रहे हैं, जिन्होंने रूढ़ियों को तोड़ फोटोग्राफी में अपना करियर बनाया है.
शायमा अहमद: पापा से ली फोटोग्राफी की बेसिक ट्रेनिंग
शायमा अहमद पिछले चार साल से फोटोग्राफी से जुड़ी हैं. वे बचपन में पापा को फोटोग्राफी करते हुए देखा करती थीं और कई बार पापा उन्हें फोटोग्राफी के बेसिक टिप्स दिया करते थे. धीरे-धीरे फोटोग्राफी का शौक उनपर इस कदर चढ़ा कि इसी में करियर बनाने की सोची. इसलिए उन्होंने ग्रेजुएशन और पीजी मीडिया के क्षेत्र में किया. फिलहाल वे फ्रीलांस फोटोजर्लिस्ट के तौर पर वे काम करती हैं. शहर में होने वाले इवेंट्स खास कर फैशन, कल्चर और हार्ड खबरों पर वे फोटोग्राफी करती हैं. वे कहती हैं, जब मैं इस क्षेत्र से जुड़ी, तो शुरुआत में फोटो लेते वक्त पुरुषों के साथ कंपटीशन हो जाती थी.
विभा कपूर: लैंडस्केप के साथ ट्रैवल फोटोग्राफी है पसंद
एग्जीबिशन रोड स्थित हरिओम अपार्टमेंट में रहने वाली विभा कपूर पिछले पांच साल से फोटोग्राफी कर रही हैं. कॉलेज के समय से ही वे मोबाइल से फोटोग्राफी करती थीं. फिर, घरवालों के कहने पर निकोन की ओर से आयोजित वर्कशॉप का हिस्सा बनीं और कैमरा हैंडल करने की बेसिक जानकारी ली. कुछ महीने तो कैमरा हैंडल करने के साथ फोटो कैसे और किस लेंस से लेते हैं, इसके बारे में सीखा. फिर धीरे-धीरे उन्हें प्रोडक्ट शूट के ऑफर्स मिलने लगे. वे फिलहाल स्टूडियो और फ्रीलांस दोनों में काम करती हैं. समय-समय पर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के अलावा लैंडस्केप फोटोग्राफी भी करना इन्हें पसंद है.
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काजल सिंह : कैमरे में नेचर को करती रहती हूं कैद
नेहरू नगर की रहने वाली काजल सिंह को बचपन से ही प्रकृति से लगाव रहा है. शुरुआत में बस हॉबी की तरह फोटो लिया करती थी. फिर, जब लगा कि इसी में करियर बनाना है, तो उन्होंने फोटोग्राफी की पढ़ाई शुरू कर दी. काजल को नेचर फोटोग्राफी करना बहुत पसंद है. लेकिन, अभी वे माइक्रो फोटोग्राफी और वेडिंग फोटोग्राफी करती हैं. इनका कहना है कि लड़कियों के लिए यह फील्ड काफी चैलेंजिंग है. कई बार लंबे समय तक फोटोशूट में समय देना होता है. ऐसे में परिवार वालों को इस फील्ड के लिए कन्विंस करना आसान नहीं था. पर समय के साथ इस फील्ड ने मुझे अपना लिया है.
रीना : फील्ड पर हर किसी का भरपूर सहयोग मिला
फोटोग्राफी के शौक को रीना ने जुनून में बदल लिया है. डिजिटल फोटोग्राफी और फैशन फोटोग्राफी का कोर्स पूरा करने के बाद इन्हें वर्ष 2006 में एक स्टूडियो में काम करने का मौका मिला. फिर उन्होंने, इस चांस को मौका दिया और लगभग दो साल तक फोटोग्राफी के दौरान इसकी बारीकियों से रूबरू हुईं. वे प्रेस में फ्रीलांसर के रूप में भी काम कर चुकी हैं. हालांकि, अभी वे वेडिंग और इवेंट बेस्ड फोटोग्राफी करती हैं. वे कहती हैं, चुनौतियों की बात करूं तो इस क्षेत्र में मैं काफी लकी रही हूं क्योंकि, यहां पर जितने भी पुरुष फोटोग्राफर हैं, उन्होंने हमेशा मेरा उत्साहवर्धन किया है. इस क्षेत्र में आपके काम को पहचान भी मिलती है .
रोशनी जेन : फोटोग्राफी मेरा पैशन है, खोल दिया स्टूडियो
राजीव नगर की रहने वाली रोशनी जैन पिछले आठ साल से वेडिंग, मेटरनिटी और न्यू बोर्न बेबी शूट्स करती हैं. वे अपना एक स्टूडियों भी खोल चुकी हैं. उनका कहना है कि एक फीमेल फोटोग्राफर होने के नाते कई सारी चुनौतियों का मुझे सामना करना पड़ा. शुरुआत में क्लाइंट्स मेरे काम को सीरियसली नहीं लिया करते थे. उन्हें मुझसे ज्यादा पुरुष फोटोग्राफर्स पर भरोसा होता था. उनका मानना थी कि फीमेल इस क्षेत्र में काम नहीं कर सकती हैं, क्योंकि कैमरे के साथ इक्विपमेंट्स को हैंडल आसान नहीं है. पर अब इस क्षेत्र में मैंने अपनी एक पहचान बना ली है. फाइनेंशियली भी मैं स्ट्रांग हुई हूं. इनडोर के साथ आउटडोर शूट भी करती हूं.